New rule for students: आने वाली 15 अगस्त को भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने वाला है। पूरे देश में इस दिन को मानाने के लिए काफी सारी तैयारियां चल रही है। इसी बीच सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पूरे देश को चौंका दिया है। दरअसल सरकार ने फैसला लिया है कि अब स्कूलों (New rule for students) में बच्चे टीचर का अभिवादन ‘गुड मॉर्निंग’ बोलकर नहीं करेंगे। बल्कि इसकी जगह अब बच्चों को ‘जय हिंद’ कहना होगा। तर्क दिया जा रहा है कि ऐसा करने से बच्चों में देश के प्रति प्यार बढ़ेगा और उन्हें एकता महसूस होगी।
स्कूलों में अब बोलना होगा ‘जय हिंद’
स्कूलों में ‘गुड मॉर्निंग’ की जगह ‘जय हिंद’ बोलने (New rule for students) का फैसला हरियाणा सरकार ने लिया है। नायब सैनी की सरकार ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पूरे राज्य में 15 अगस्त 2024 के बाद से इस बात का ध्यान रखा जाएगा की बच्चे गुड मॉर्निंग की जगह जय हिंद बोलें। हरियाणा की राज्य शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने हाल ही में इस फैसले की घोषणा की है। इसके साथ ही ये सर्कुलर राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों, ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों, ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों और प्रिंसिपलों को भेज दिया गया है। साथ ही तर्क दिया गया है कि ऐसा करने से बच्चों में देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना को बढावा मिलेगा।
सर्कुलर में किया गया नेताजी का जिक्र
हरियाणा के शिक्षा विभाग द्वारा जारी सर्कुलर (New rule for students) में कहा गया है कि ” विद्यार्थियों के बीच राष्ट्रीय गौरव की गहरी भावना और देशभक्ति पैदा करने के लिए ‘गुड मॉर्निंग’ को ‘जय हिंद’ से बदलने का अहम निर्णय लिया गया है, इससे छात्र रोजाना राष्ट्रीय एकता की भावना और देश के समृद्ध इतिहास के प्रति सम्मान से प्रेरित होगे”। इतना ही नहीं इस सर्कुलर में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सुभाष चंद्र बोस का भी जिक्र किया गया है।
इसमें लिखा है-” जय हिंद देशभक्तिपूर्ण अभिवादन है जो छात्रों को देश की आजादी के लिए किए गए बलिदानों की सराहना करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, रोजाना इसके इस्तेमाल से विद्यार्थियों के बीच अनुशासन और एकरूपता की भावना पैदा होगी”।
ये मात्र एक सलाह है-अधिकारी
हरियाणा सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले की चर्चा हर तरफ हो रही है। कुछ लोगों को ये नया फरमान (New rule for students) बिल्कुल भी सही नहीं लगा तो कुछ लोग इस फैसले की सराहना कर रहे हैं। वहीं फैसले के संबंध में जब एक शिक्षा विभाग से अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि- “ये सिर्फ एक सलाह है, जो स्कूलों में दैनिक योग और क्विज सत्र के सुझावों की तरह ही है, एडवाइजरी का पालन नहीं करने पर किसी भी तरह की सजा का कोई प्रावधान नहीं है, विभाग ने कोई नया नियम या कोई कानून पेश नहीं किया है”।
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