Rahul Gandhi- 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में विपक्ष पहले के मुकाबले और अधिक मजबूत हुआ है। इस चुनाव में सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस और राहुल गांधी को हुआ है। एक ओर कांग्रेस विपक्षी संगठन में सबसे बड़ा दल बन गया है तो उधर राहुल गांधी को भी नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नेता प्रतिपक्ष एक कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है, और उन्हें भी एक मंत्री की तरह ही सारी सुविधाएं दी जाती है। इसी कड़ी में हाउसिंग विभाग ने राहुल गांधी को लुटियन्स दिल्ली के तुगलक लेन में 12 नंबर का बंगला दिया गया है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि राहुल गांधी ने इस ऑफर को ठुकरा दिया है और इस बंगले को लेने से साफ इंकार कर दिया है।
इस बंगले में Rahul Gandhi रहे हैं 19 साल
तुगलक लेन पर स्थित 12 नंबर के जिस बंगले को राहुल गांधी ने लेने से साफ इंकार कर दिया है, ये वही बंगला है जिसमें वो पिछले 19 सालों से रह रहे थे। इस बंगले ने कांग्रेस के उत्थान से लेकर उसके पतन की पूरी कहानी अपनी आंखों से देखी है। राहुल गांधी इस बंगले में सबसे पहले तब पहुंचे थे जब वो पहली बार 2004 में जीत कर लोकसभा में पहुंचे थे। हालांकि ये बंगला मंत्रियों को अलॉट किया जाता था लेकिन उस समय की मनमोहन सरकार ने एसपीजी का हवाला देते हुए ये बंगला राहुल गांधी को अलॉट कर दिया था।
इस बार चुनाव में मिली जबरदस्त जीत के कारण राहुल गांधी नेताप्रतिपक्ष बन गए हैं और इसीलिए फिर से उन्हें यही बंगला अलॉट किया गया है लेकिन एक बड़ी वजह के कारण राहुल (Rahul Gandhi) ने इसे लेने से इंकार कर दिया है।
Rahul Gandhi ने इस कारण ठुकराया बंगला
इस बंगले को ठुकराने के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हाउसिंग विभाग को जो तर्क दिया है वो सचमुच चौंकाने वाला है। कुछ मीडिया रिपोर्ट की मानें तो राहुल गांधी ने विभाग से कहा है कि ऑफर किए गए बंगले में वास्तु दोष है, जिस कारण वो इस बंगले में नहीं रह सकते। राहुल ने कहा है कि “इस बंगले का प्रवेश और निकास द्वार वास्तुशास्त्रों के नियमों पर खरा नहीं उतरता इसलिए हम इस बंगले को नहीं लेंगे”।
राहुल के इस तर्क के बाद हाउसिंग विभाग ने उन्हें सुनहरी बाग में स्थित 5 नंबर का बंगला ऑफर किया है। शुक्रवार को प्रियंका गांधी खुद इस बंगले को देखने के लिए पहुंची थी लेकिन अभी तक राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तरफ से इस बंगले पर भी कोई सहमति नहीं आई है।
ये बंगला Rahul Gandhi के लिए नहीं था लकी
यूपीए-1 और यूपीए2 के दौरान तुगलक लेन पर स्थित यही 12 नंबर वाला बंगला कांग्रेस का पावर हाउस माना जाता था। कहा जाता था कि बड़े फैसले पीएमओ से नहीं बल्कि इसी बंगले से लिए जाते हैं। हालांकि ये बंगला कांग्रेस की किस्मत को ज्यादा रास नहीं आया। 2014 के बाद से ही कांग्रेस को एक बाद दूसरी और फिर तीसरी हार का सामना करना पड़ा।
2019 में राहुल गांधी के अध्यक्ष रहते हुए भी कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा था। इतना ही नहीं 2023 में तो राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के हाथ से सांसद की ताकत भी छीन ली गई थी और उन्हें इसी बंगले से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। देखा जाए तो इस बंगले को छोडऩे के बाद ही कांग्रेस मजबूत हुई है।
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