Rahul gandhi: शुक्रवार को करनाल के घोघड़ीपुर गांव में अचानक राहुल गांधी (Rahul gandhi) के पहुंचने से सभी हैरान रह गए। इस दौरे के दौरान उन्होंने गांव के निवासी अमित मान और उनके परिवार से मुलाकात की। खास बात यह है कि राहुल गांधी (Rahul gandhi) हाल ही में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान अमित से मिले थे, और उस मुलाकात के बाद उन्होंने अमित के घर आकर उनके परिवार से मिलने का वादा किया था। राहुल का यह सादगी भरा कदम स्थानीय लोगों के दिलों को छू गया, और पूरे गांव में उनके स्वागत का गर्मजोशी से माहौल बन गया।
डंकी रूट से अमेरिका गया था अमित
राहुल गांधी (Rahul gandhi) का शुक्रवार को करनाल के घोघड़ीपुर गांव का दौरा खासा चर्चा में रहा, जब वे अचानक अमित मान के परिवार से मिलने पहुंचे। अमित मान हाल ही में उस समय सुर्खियों में आए थे जब राहुल गांधी (Rahul gandhi) ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमित डंकी रूट के जरिए अमेरिका पहुंचे थे और वहां ट्रक चलाते थे। दुर्भाग्यवश, एक सड़क हादसे में घायल होने के बाद राहुल गांधी (Rahul gandhi) ने अमेरिका में उनका हालचाल लिया था।
जब राहुल को पता चला कि अमित हरियाणा के करनाल के रहने वाले हैं, तो उन्होंने उनके परिवार से मिलने का वादा किया था, जिसे निभाते हुए वह शुक्रवार को घोघड़ीपुर गांव पहुंचे। राहुल का यह कदम उनके सरल और संवेदनशील व्यक्तित्व को दर्शाता है।
राहुल गांधी को देख गांववालो में हर्षा उल्लास
करनाल और आसपास के क्षेत्रों में जैसे ही राहुल गांधी (Rahul gandhi) के घोघड़ीपुर गांव आने की खबर फैली, वैसे ही गांव में लोगों की भीड़ जमा होने लगी। हर कोई अपने नेता की एक झलक पाने के लिए बेताब था। राहुल गांधी (Rahul gandhi) के अचानक दौरे ने ग्रामीणों में उत्साह भर दिया। अमित मान के परिवार के लिए यह पल खास था, जब राहुल गांधी (Rahul gandhi) ने उनके घर पहुंचकर हालचाल लिया। परिवार ने भी राहुल का बेहद प्यार से स्वागत किया और उन्हें हरियाणवी परंपरा के अनुसार घी-चूरमा बनाकर खिलाया। यह मुलाकात सादगी और अपनत्व का अनूठा उदाहरण बन गई।
क्या होता है डंकी रूट
जानकारी के अनुसार, पंजाब और हरियाणा के कई युवाओं की विदेश जाने की ख्वाहिश लगातार बढ़ रही है। जब पारंपरिक तरीकों से वीजा नहीं मिलता, तो वे अक्सर डंकी रूट का सहारा लेते हैं। इस रास्ते पर विदेश पहुंचाने के लिए एजेंटों द्वारा 25 से 50 लाख रुपये तक की रकम ली जाती है। हालांकि, गैरकानूनी तरीके से विदेश जाने वाले इन युवाओं को यात्रा के दौरान कई शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। रास्ते में उन्हें न केवल आर्थिक शोषण का सामना करना पड़ता है, बल्कि असुरक्षित परिस्थितियों और अनिश्चितताओं से भी गुजरना पड़ता है, जो उनकी जिंदगी को खतरे में डाल सकता है।