Aaj Ka Panchang 1 January 2021: पंचांग 1 जनवरी 2021, जानें आज का शुभ, अशुभ मुहूर्त और राहु काल

आज 1 जनवरी को हिंदू पंचांग (Aaj Ka Panchang 1 January 2021) के अनुसार शुक्रवार है. लक्ष्मी देवी का दिन ज्योतिष विद्या के अनुसार शुक्रवार माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी का पूजन करने वो प्रसन्न होती हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. पंचांग से जानें आज का शुभ और अशुभ मुहूर्त और जानें कैसी रहेगी आज ग्रहों की चाल.

दिनाँक -: 01/01/2021,शुक्रवार
द्वितीया, कृष्ण पक्ष
पौष
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि ——–द्वितीया 09:32:53 तक
पक्ष —————————-कृष्ण
नक्षत्र ————पुष्य 20:14:13
योग ————वैधृति 13:35:57
करण ————–गर 09:32:53
करण ———वणिज 21:24:17
वार ————————-शुक्रवार
माह ——————————पौष
चन्द्र राशि ——————–कर्क
सूर्य राशि ———————धनु
रितु —————————-हेमंत
सायन ————————शिशिर
आयन ——————–उत्तरायण
संवत्सर ———————–शार्वरी
संवत्सर (उत्तर) ————प्रमादी
विक्रम संवत —————-2077
विक्रम संवत (कर्तक)——2077
शाका संवत —————-1942

वृन्दावन
सूर्योदय ————— 07:11:09
सूर्यास्त —————–17:34:41
दिन काल ————–10:23:31
रात्री काल ————-13:36:43
चंद्रास्त —————-08:57:19
चंद्रोदय —————–19:42:29

लग्न —- धनु 16°42′ , 256°42′

सूर्य नक्षत्र —————पूर्वाषाढा
चन्द्र नक्षत्र ———————पुष्य
नक्षत्र पाया ——————–रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

हे —-पुष्य 08:04:17

हो —-पुष्य 14:10:03

ड —-पुष्य 20:14:13

डी —-आश्लेषा 26:16:51

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
========================
सूर्य= धनु 16°22 ‘ पू o षा o , 1 भू
चन्द्र = कर्क 09°23 ‘ पुष्य ‘ 2 हे
बुध = धनु 23°07 ‘ पूoषाo ‘ 4 ढा
शुक्र= वृश्चिक 25 ° 55, ज्येष्ठा’ 3 यी
मंगल=मेष 03°30 ‘ अश्विनी ‘ 1 चु
गुरु=मकर 08°22 ‘उ oषा o , 4 जी
शनि=मकर 06°43 ‘ उ oषा o ‘ 4 जी
राहू=(व)वृषभ 24°50 ‘मृगशिरा , 1 वे
केतु=(व)वृश्चिक 24°50 ज्येष्ठा , 3 यी

🚩💮🚩शुभा$शुभ मुहूर्त🚩💮🚩

राहू काल 11:05 – 12:23 अशुभ
यम घंटा 14:59 – 16:17 अशुभ
गुली काल 08:29 – 09:47 अशुभ
अभिजित 12:02 -12:44 शुभ
दूर मुहूर्त 09:16 – 09:57 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:44 – 13:25 अशुभ

🚩गंड मूल 20:14 – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
चर 07:11 – 08:29 शुभ
लाभ 08:29 – 09:47 शुभ
अमृत 09:47 – 11:05 शुभ
काल 11:05 – 12:23 अशुभ
शुभ 12:23 – 13:41 शुभ
रोग 13:41 – 14:59 अशुभ
उद्वेग 14:59 – 16:17 अशुभ
चर 16:17 – 17:35 शुभ

🚩चोघडिया, रात
रोग 17:35 – 19:17 अशुभ
काल 19:17 – 20:59 अशुभ
लाभ 20:59 – 22:41 शुभ
उद्वेग 22:41 – 24:23* अशुभ
शुभ 24:23* – 26:05* शुभ
अमृत 26:05* – 27:47* शुभ
चर 27:47* – 29:29* शुभ
रोग 29:29* – 31:11* अशुभ

💮होरा, दिन
शुक्र 07:11 – 08:03
बुध 08:03 – 08:55
चन्द्र 08:55 – 09:47
शनि 09:47 – 10:39
बृहस्पति 10:39 – 11:31
मंगल 11:31 – 12:23
सूर्य 12:23 – 13:15
शुक्र 13:15 – 14:07
बुध 14:07 – 14:59
चन्द्र 14:59 – 15:51
शनि 15:51 – 16:43
बृहस्पति 16:43 – 17:35

🚩होरा, रात
मंगल 17:35 – 18:43
सूर्य 18:43 – 19:51
शुक्र 19:51 – 20:59
बुध 20:59 – 22:07
चन्द्र 22:07 – 23:15
शनि 23:15 – 24:23
बृहस्पति 24:23* – 25:31
मंगल 25:31* – 26:39
सूर्य 26:39* – 27:47
शुक्र 27:47* – 28:55
बुध 28:55* – 30:03
चन्द्र 30:03* – 31:11

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 2 + 6 + 1 = 24 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

💮 शिव वास एवं फल -:

17 + 17 + 5 = 39 ÷ 7 = 4 शेष

सभायां = सन्ताप कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 21:22 से प्रारम्भ

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* अंग्रेजी नव वर्ष आरम्भ

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

स्न्तोषामृततृप्तानां यत्सुखं शान्तिरेव च ।
न च तध्दनलुब्धानामितश्चेतश्च धावताम् ।।
।।चा o नी o।।

जो सुख और शांति का अनुभव स्वरुप ज्ञान को प्राप्त करने से होता है, वैसा अनुभव जो लोभी लोग धन के लोभ में यहाँ वहा भटकते रहते है उन्हें नहीं होता.

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: अक्षरब्रह्मयोग अo-05

युक्तः कर्मफलं त्यक्त्वा शान्तिमाप्नोति नैष्ठिकीम्‌ ।,
अयुक्तः कामकारेण फले सक्तो निबध्यते ॥,

कर्मयोगी कर्मों के फल का त्याग करके भगवत्प्राप्ति रूप शान्ति को प्राप्त होता है और सकामपुरुष कामना की प्रेरणा से फल में आसक्त होकर बँधता है॥,12॥,