Tirupati Balaji: तिरूपति बलाजी (Tirupati Balaji) मंदिर में हाल ही में हुए विवाद के बाद, उत्तर प्रदेश के विभिन्न मंदिरों पर भी नजरें गड़ाई गई हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि वे हिंदुओं के हित में ठोस कदम उठाएंगे। इस फैसले से भक्तों में विश्वास को बनाए रखने और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं।यूपी में कई प्रमुख मंदिर हैं, जो न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र हैं, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
Tirupati Balaji के बाद यूपी मंदिरों पर हंगामा
बांके बिहारी मंदिर (Tirupati Balaji) में चढ़ाए जाने वाले पेड़े में मिलावट के आरोप ने भक्तों के बीच चिंताएं बढ़ा दी हैं। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने इस मामले में गंभीर सवाल उठाए हैं, जिससे श्रद्धालुओं में असुरक्षा की भावना पनप रही है। मथुरा-वृंदावन में हर रोज लगभग 50,000 भक्त भगवान कृष्ण के दरबार में माथा टेकने आते हैं, और यह 162 साल पुराना मंदिर न केवल देश के भक्तों के लिए, बल्कि विदेशों से आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।
इस मंदिर के पेड़े की विशेषता यह है कि श्रद्धालु इसे एक पवित्र भोग मानते हैं और बिना इसे चढ़ाए वापस नहीं लौटते। हालांकि, हालिया मिलावट की खबरों ने भक्तों को चिंतित कर दिया है। लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि क्या उनके श्रद्धा का मान रखने वाला यह पेड़ा असली है या इसमें कुछ मिलावट की गई है।
मिलावटखोरी विवाद बृजभूषण सिंह की मांग
तिरूपति बालाजी (Tirupati Balaji) मिलावटखोरी के विवाद में बीजेपी नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह ने भी अपनी आवाज उठाई है, उन्होंने उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मिलने वाले घी की जांच कराने की मांग की है। इस दौरान, मथुरा में चढ़ाए जाने वाले पेड़ों पर उठते सवालों के बीच भारतीय जनता पार्टी ने लोगों और विरोधी दलों से आग्रह किया है कि वे भ्रम न फैलाएं।
इस स्थिति को देखते हुए, एहतियात के तौर पर मथुरा के पेड़ों की गुणवत्ता की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यूपी के फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने मथुरा, वृंदावन और गोवर्धन के मंदिरों से प्रसाद के 13 सैंपल एकत्रित किए हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट आने में 15 दिन का समय लगेगा।
लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में बाहरी प्रसाद पर रोक
आंध्र प्रदेश (Tirupati Balaji) से लेकर यूपी के वृंदावान तक प्रसाद में मिलावट को लेकर मचे घमासान के परिणामस्वरूप, लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में बाहर से लाए गए प्रसाद को चढ़ाने पर रोक लगा दी गई है। मंदिर परिसर में ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि “बाहर का प्रसाद चढ़ाना मना है।”इसके अलावा, हाल ही में सिद्धि विनायक मंदिर में प्रसाद पर चूहों के चलने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसने और भी विवाद को जन्म दिया है। इस वीडियो ने श्रद्धालुओं के बीच चिंता और असंतोष को बढ़ा दिया है, और अब लोग अपने पूजा-अर्चना के दौरान स्वच्छता और गुणवत्ता की ओर अधिक ध्यान देने लगे हैं।
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