छठ पूजा 2020: नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ महापर्व छठ, पूजा करते समय इन बातों का ध्यान रखे

बुधवार से नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व शुरू हो गया है। यह पर्व कार्तिक मास की षष्टी को मनाया जाता है। इस व्रत को बेहद कठिन माना जाता है। क्योकि छठ पूजा करते समय कई नियमों और बातों का ध्यान रखा जाता है। नहाय खाय के साथ शुरू होने वाले इस महापर्व में सूर्य भगवान की विशेष उपासना की जाती है। बताते हैं आज आपको छठ पूजा के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

इन बातों का रखना चाहिए ध्यान

छठ पूजा 2020: नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ महापर्व छठ, पूजा करते समय इन बातों का ध्यान रखे

छठी मईया का प्रसाद बनाते समय पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए और अपने हाथ पैर धोकर ही प्रसाद तैयार करना चाहिए। इस दौरान मांसाहार का सेवन भी करने से बचे और चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को तैयार करने वाले को तब तक कुछ नहीं खाना चाहिए जब तक प्रसाद तैयार न हो जाए। छठी मईया का प्रसाद बनाते समय ध्यान रखें उस पर आपका पैर नहीं लगना चाहिए। छठ माई का प्रसाद जहां बन रहा हो वहां भोजन नहीं करना चाहिए। यही नहीं पूजा अशुद्ध मानी जाती है। छठी माता की मनौती को नहीं भूलना चाहिए। जो मनौती हो उसे समय पर ही पूरा कर लेना चाहिए। सूर्य को अर्घ्य देते समय चांदी, स्टील, शीशा और प्लास्टिक के बने बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

कोरोना संकट का दिखा प्रभाव

छठ पूजा 2020: नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ महापर्व छठ, पूजा करते समय इन बातों का ध्यान रखे

फिलहाल इस बार छठ महापर्व पर कोरोना संकट का प्रभाव साफ दिख रहा है। नहाय-खाय को लेकर कद्दू का बाजार गर्म रहा। व्रतियों की संख्या भी इस बार अन्य सालों की तुलना में काफी कम है। छठ बाजार में भी रौनक अपेक्षाकृत कम है। सूप-दौरा के साथ फलों और पूजा सामग्री की दुकानों में भी इस साल भीड़ कम है। जिला मुख्यालय के राजा तालाब, साहू तालाब व चौधरी तालाब सहित अन्य घाटों की साफ-सफाई का काम पूरा हो चुका है।

राज्य सरकार द्वारा नदियों, तालाबों और अन्य जलाशयों में अ‌र्घ्य देने की छूट दिए जाने के बाद घाटों की साफ-सफाई में तेजी आई। जिले के तोरपा, मुरहू, कर्रा, रनिया, अड़की व कर्रा सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में भी छठ अनुष्ठान शुरू हो गया। पहले दिन श्रद्धालुओं ने छठव्रतियों के घर जाकर महाप्रसाद कद्दू भात ग्रहण किया है।

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