Chhath Puja 2025 Parsaad: दीवाली के बाद 25 अक्तूबर से छठ पर्व की शुरूआत होने वाली है. जिसे पूरे भारत में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. इस त्योहार पर सूर्यदेव और छठी मैया की आराधना की जाती है. छठ पूजा में महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत रख अपने व्रत का समापन करती हैं. इस दौरान पूरे देश में स्वादिष्ट पकवान (Chhath Puja 2025 Parsaad) बनाए जाते हैं. जिसमें ठेकुआ से लेकर कसार तक के लड्डू शामिल होते हैं. आइए तो आगे जानते हैं छठ पूजा के पहले दिन से लेकर आखिरी तक क्या-क्या पकवान बनते हैं?
1. नहाय-खाय
छठ पर्व (Chhath Puja 2025 Parsaad) के पहले दिन घर की साफ-सफाई करने शुद्ध शाकाहारी व्यंजन बनाए जाते हैं. जिसके लिए मिट्टी से बने चूल्हे का इस्तेमाल किया जाता है. कहा जाता है कि, इस दिन से कार्तिक शुक्ल चतुर्थी के दिन छठी की शुरूआत होती है. बता दें कि नहाय-खाय के दिन से ही प्याज और लहसुन का खाना त्याग दिया जाता है. मान्यता है कि, इस दिन सिर्फ लौकी, चने की दाल, कद्द की सब्जी और चावल खाया जानता है.
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2. खरना
छठ पर्व के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं जल तक नहीं पीती हैं. शाम को स्वादिष्ट गुड़ की खीर और रोटी बनाई जाती है. ये प्रसाद (Chhath Puja 2025 Parsaad) घर के सभी सदस्य केले के पत्तों पर ग्रहण करते हैं.
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3. संध्या अर्ध्य-
छठ पूजा का ये दिन बेहद मत्वपूर्ण होता है. इस दिन व्रती महिलाए डूबते हुए सूरज को अर्घ्य देती हैं और विधि-विधान के साथ पूजा करती हैं. इस पूजा के लिए कई तरह के पकवान (Chhath Puja 2025 Parsaad) बनाए जाते हैं. जिसमें ठेकुआ, चावल के लड्डू खास होते हैं. रात को छठी मैया की पूजा की जाती है और महिलाएं बिना पलके झपकाएं लोकगीत गाती हैं. इसके अलावा व्रत की कथा पढ़ी जाती है.
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4. प्रातः अर्घ्य
छठ पूजा के आखिरी दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले नदी-घाटों पर पहुंच जाती हैं. फिर सभी ठंडे पानी में खड़ी होकर उगते हुए सूरज को कच्चे दूध में गंगा जल मिलाकर अर्घ्य देती हैं. इसी का साथ छठी मैया (Chhath Puja 2025 Parsaad) और सूर्यदेव का ये व्रत पूरा होता है. इस दौरान माहौल भक्तिमय रहता है और चारों और छठी मैया के गीतों की आवाज कानों में पड़ती रहती है.
डिस्केलमर : ऑनलाइन जानकारी के अनुसार खबर लिखी गई है. सही विधि-विधान की जिम्मेदारी Hindnow नहीं लेता है.