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Diwali and Narak Chaturdashi: हमारे देश में दीपावली का त्यौहार सिर्फ एक दिन का नहीं होता है, बल्कि यह पांच दिनों तक चलने वाला एक विशाल उत्सव है। इस महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और इसका दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली कहलाता है। इसके बाद तीसरे दिन आती है लक्ष्मी पूजा यानी मुख्य दिवाली, जब मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की विधिवत पूजा की जाती है।

इसी कड़ी में आई जानते है कि इस बार दिवाली और नरक चतुर्दशी (Diwali and Narak Chaturdashi) की पूजा करने की सही तारीख क्या है, पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट।

Narak Chaturdashi 2025: तिथि और महत्व

Diwali And Narak Chaturdashi
Diwali And Narak Chaturdashi

हिंदू पंचांग के अनुसार, नरक चतुर्दशी कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था और पृथ्वी को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया था। इसलिए इसे नरक चतुर्दशी (Diwali and Narak Chaturdashi) कहा जाता है।

इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान-दान करने की परंपरा है, जिसे अभ्यंग स्नान कहा जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

2025 में नरक चतुर्दशी की तिथि:

  • 19 अक्टूबर 2025, रविवार
  • चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 18 अक्टूबर रात 11:10 बजे
  • चतुर्दशी तिथि समाप्त: 19 अक्टूबर रात 09:47 बजे

अभ्यंग स्नान का शुभ मुहूर्त:

सुबह 04:45 से 06:15 बजे तक सबसे उत्तम रहेगा।

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दिवाली 2025: तिथि और पूजा मुहूर्त

दिवाली (Diwali) का पर्व अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, जब चांद बिल्कुल नहीं होता और अंधकार में दीपक प्रज्वलित कर रोशनी फैलाई जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा करने से घर में धन, सौभाग्य और समृद्धि का वास होता है।

2025 में Diwali की तिथि:

  • 20 अक्टूबर 2025, सोमवार
  • अमावस्या तिथि प्रारंभ: 19 अक्टूबर रात 09:47 बजे
  • अमावस्या तिथि समाप्त: 20 अक्टूबर रात 08:50 बजे

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त:

शाम 05:48 से 07:32 बजे तक का समय अत्यंत शुभ रहेगा।

इस अवधि में लक्ष्मी पूजन, दीपदान और मंत्र जाप करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

दिवाली पूजा की सामग्री लिस्ट

मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा करते समय इन सामग्रियों का होना आवश्यक है:

1. मां लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की प्रतिमा या चित्र

2. पीला या लाल वस्त्र (आसन के लिए)

3. कलश (जल से भरा, नारियल और आम पत्तियों सहित)

4. पंचमेवा और मिठाई

5. घी या तेल के दीपक (11 या 21 दीपक अवश्य जलाएं)

6. अगरबत्ती, कपूर और धूपबत्ती

7. चावल, रोली, हल्दी, सुपारी और इलायची

8. नए सिक्के या नोट (धन के प्रतीक के रूप में)

9. कमल का फूल या गुलाब के फूल

10. खील-बताशे और प्रसाद

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Kamakhya Reley is a journalist with 3 years of experience covering politics, entertainment, and sports. She is currently writes for HindNow website, delivering sharp and engaging stories that connect with...