Tirupati Balaji: तिरुपति बालाजी (Tirupati Balaji) मंदिर की महिमा केवल उसकी आस्था और भव्यता तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां बनने वाले प्रसिद्ध लड्डू भी भक्तों के दिलों में खास जगह रखते हैं। हर दिन 8 लाख से अधिक लड्डू तैयार होते हैं, जिनका साइज इतना बड़ा होता है कि एक हाथ में समाना मुश्किल है। इन लड्डुओं की कीमत सुनकर आपकी आंखें भी हैरानी से खुली रह जाएंगी।
Tirupati Balaji: यहां बनता है ये खास लड्डू
यह विशेष लड्डू, जिसे तिरुपति बालाजी (Tirupati Balaji) मंदिर में बनाया जाता है, एक महत्वपूर्ण प्रसाद है जिसे “तिरुपति लड्डू” के नाम से जाना जाता है। इस लड्डू को मंदिर के रसोईघर, जिसे ‘पोटू’ कहा जाता है, में बड़े धूमधाम से तैयार किया जाता है। इसे बनाने की प्रक्रिया अद्वितीय है और इसका जीआई टैग (Geographical Indication) भी प्राप्त है, जो इसे एक विशेष पहचान देता है।
यह जीआई टैग इस बात की गारंटी देता है कि इस लड्डू को बनाने का अधिकार केवल तिरुपति मंदिर को ही प्राप्त है, जिससे इसकी विशिष्टता और पवित्रता बनी रहती है। खबरों के अनुसार, इस मंदिर में प्रतिदिन 8 लाख से भी अधिक लड्डू तैयार किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि तिरुपति बालाजी के दर्शन तब तक अधूरे माने जाते हैं जब तक इस लड्डू का प्रसाद न लिया जाए।
Tirupati Balaji: विधि
तिरुपति बालाजी (Tirupati Balaji) मंदिर का प्रसिद्ध लड्डू एक विशेष विधि से तैयार किया जाता है, जो इसे अनोखा बनाता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले बेसन का घोल तैयार किया जाता है। इसके बाद एक बड़ी कड़ाही में घी गर्म किया जाता है और घोल को बूंदी के रूप में कड़ाही में डाला जाता है। बूंदी को गोल्डन ब्राउन होने तक तला जाता है और फिर घी से निकाल कर अलग रखा जाता है।
इसके बाद काजू, बादाम और अन्य ड्राई फ्रूट्स को हल्का घी में रोस्ट किया जाता है। चीनी की चाशनी तैयार की जाती है जिसमें इलायची पाउडर डालकर स्वाद बढ़ाया जाता है। तली हुई बूंदी को दरदरा पीसा जाता है ताकि इसका स्वाद और बनावट अद्वितीय बने। इस दरदरी बूंदी को चीनी की चाशनी में डालकर अच्छी तरह मिक्स किया जाता है।
Tirupati Balaji की पहचान है लड्डू
इस मिश्रण में रोस्ट किए गए ड्राई फ्रूट्स, किशमिश और मिश्री भी मिलाई जाती है, जिससे लड्डू में मिठास और पौष्टिकता का सही संतुलन बनता है। अंत में इस मिश्रण को हाथों से आकार देकर लड्डू बनाए जाते हैं। यह विधि सटीकता और धैर्य के साथ पूरी की जाती है, जो इसे तिरुपति बालाजी का विशेष प्रसाद बनाती है, जिसे लाखों भक्त आस्था के साथ ग्रहण करते हैं।
लड्डू की यह परंपरा न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह मंदिर की पहचान का अभिन्न हिस्सा भी है, जिससे तिरुपति बालाजी (Tirupati Balaji) मंदिर विश्वभर में प्रसिद्ध है।