Premanandji Maharaj : वृंदावन के आध्यात्मिक संत प्रेमानंद महाराज (Premanandji Maharaj) किसी परिचय के मोहताज नहीं है. आम आदमी से लेकर बड़े-बड़े अभिनेता, नेता, खिलाड़ी तक में उनकी धूम है. उनसे मिलने के लिए भक्तों की भारी भीड़ जमा होती हैं. लोग उनकी एक झलक पाने को लेकर काफी मशक्कत करते हैं. उनसे मीटिंग के लिए बड़ी वैल्यूएशन की भी लाइन लगी हुई है. आज हम आपको बताते हैं कि प्रेमानंदजी महाराज से कैसे मिला जाए और इसके लिए आपको क्या करना होगा. प्रेमानंद जी महाराज (Premanandji Maharaj) से मुलाकात के लिए नियम भी जान लें.
प्रेमानंदजी महाराज के पास आते हैं हजारों भक्त
अगर आप भी प्रेमानंद जी महाराज (Premanandji Maharaj) के दर्शन करना चाहते हैं, तो रात करीब 2:30 बजे उनके आश्रम वृंदावन के श्री राधाकेली कुंज के पास इन्तजार कर सकते हैं. प्रेमानंद महाराज का आश्रम इस्कॉन मंदिर के पास स्मारक हॉस्पिटल रोड पर भक्ति वेदनाता के ठीक सामने है.. बता दें कि प्रेमानंद महाराज हर सुबह अपने भक्तों को दर्शन देंते हैं. महाराज (Premanandji Maharaj) अपने आश्रम पर सुबह करीब 9.30 बजे राधा केलीकुंज के लिए निकलते हैं. रास्ते में श्रद्धालुओं को दर्शन देते हुए निजी कार से राधा केलीकुंज पहुंचते हैं.
टोकन से मिलता है भक्तों को नंबर
यहां उनके (Premanandji Maharaj) भक्तों के दर्शन सबसे पहले एक टोकन द्वारा होते हैं. टोकन पर नंबर डले होते हैं. जिस भक्त का नंबर अंकित होता है उसी भक्त को दर्शन के लिए सत्संग भवन में बुलाया जाता है. बता दें कि बिना किसी टोकन के किसी भी भक्त को प्रेमानंद महाराज से मिलने की अनुमति नहीं है. राधा केलीकुंज में महाराज जी (Premanandji Maharaj) से मिलने के लिए आने वाले भक्तों का एक-दो दिन का इंतजार भी होता है. जिस सत्संग हॉल में प्रेमानंद महाराज लोगों से मिलते हैं, उस हॉल में एक बार करीब 15 भक्त ही उनके दर्शन कर सकते हैं.
दर्शन में लगेंगे 2 दिन
वृन्दावन के प्रतिमा मार्ग स्थित राधा केलीकुंज आश्रम में प्रेमानन्द महाराज (Premanandji Maharaj) अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. अगर आपको प्रेमानंद महाराज से मिलना हैं तो इन बातों का विशेष ध्यान रखें. महाराज जी से मिलने से पहले आपको अपने मोबाइल फोन को आश्रम में काउंटर पर जमा करवाना होगा. बता दें मोबाइल बंद करने के बाद आपको एक नंबर दिया जाएगा. महाराज जी (Premanandji Maharaj) से मिलने के बाद आप उस टोकन को दिखाकर अपना मोबाइल प्राप्त कर सकते हैं. प्रेमानंद महाराज के सत्संग श्रवण के साथ ही उनके दर्शन के लिए आपको दो दिन का समय लगेगा.
पहचान के लिए लिया जाता है आधार कार्ड
आश्रम में हर दिन सुबह 9:30 बजे महाराज के शिष्यों की तरफ से अलग-अलग तकनीकें उपलब्ध कराई जाती हैं. आप इसी टोकन की मदद से अगले दिन महाराज के दर्शन कर सकते हैं. प्रेमानंद महाराज से मिलने के लिए आपके पास आधार कार्ड होना भी जरूरी है. बिना आधार के आपको टोकन लेने में भी समस्या हो सकती है. अकेले में बातचीत के लिए वार्ता मुलाकात के बाद आप अगले दिन सुबह 6:30 बजे आश्रम जाना होगा. इसके बाद आप करीब एक घंटे तक आश्रम में महाराज (Premanandji Maharaj) से बात और सवाल कर सकते हैं.
एक साथ 15 भक्त कर सकते हैं दर्शन
इसके बाद उसी दिन शाम 7:30 बजे आपको टोकन भी मिल सकता है, जिससे आप महाराज के दर्शन कर सकते हैं. प्रेमानंद महाराज (Premanandji Maharaj) प्रतिदिन अपने आवास से राधाकेली आश्रम तक पैदल ही आते हैं. हर रोज हजारों की संख्या में भगवान महाराज उनके दर्शन के लिए आते हैं. यहां उनके भक्तों के दर्शन सबसे पहले होते हैं. राधा केलीकुंज में महाराज जी (Premanandji Maharaj) से मिलने के लिए आने वाले भक्तों का एक-दो दिन का इंतजार करना पड़ सकता है. जिस सत्संग हॉल में प्रेमानंद महाराज (Premanandji Maharaj) लोगों से मिलते हैं उस हॉल में एक बार करीब 15 भक्त ही उनके दर्शन कर सकते हैं.
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