Nag Panchami 2024: आज पूरे भारतवर्ष में नाग पंचमी का त्यौहार बड़ी ही श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। हर वर्ष ये पर्व सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथी को मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव और नाग देवता की पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अलावा नाग पंचमी पर घरों की दीवार पर नागों की आकृति बनाकर भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि नाग पंचमी की पूजा करने से जीवन में धन धान्य की कमी नही रहती और भक्त को यश की प्राप्ती होती है।
देश के कई शहरों और राज्यों में नाग पंचमी को गुड़िया नाम से भी जाना जाता है। इस खास अवसर पर लोग गुड़िया पीटते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इस दिन गुड़िया पीटने की परंपरा शुरू कब और कैसे हुई थी। आईए जानते हैं…..
नाग पंचमी पर क्यों पीटी जाती है गुड़िया
हिंदू धर्म की प्रचलित कथाओं के अनुसार, एक लड़का शिव का परम भक्त था वो हर रोज मंदिर में जाकर भोलेनाथ की पूजा करता था। मंदिर में रोज उस लड़के को नाग देवता के दर्शन भी होते थे। कहा जाता है कि जैसे ही लड़का मंदिर में जाता था वैसे ही एक नाग उसके पैरों में आकर लिपट जाता था। एक दिन उस लड़के ही बहन ने ये दृश्य अपनी आंखों से देख लिया। भाई के पैरों में सांप को लिपटता हुआ देख वो काफी भयभीत हो गई। उसे लगा की उसके भाई के प्राण संकट में है। इसीलिए उसने नाग को पीट पीट कर मार डाला। इस घटना के बाद जब लड़के ने अपनी बहन को पूरी कहानी बताई तो लड़की को अपनी गलती का एहसास हुआ और वो जोर जोर से रोने लगी।
वहीं इस दौरान वहां पर उपस्थित कुछ लोगों ने कहा की- “नाग देवता का रूप होते हैं तुमने उसे मार डाला इसलिए तुम्हें सजा तो मिलेगी ही। लड़की से चूंकी ये बड़ी गलती अनजाने में हुई है इसलिए आज से इस दिन लड़की की जगह गुड़िया को पीटा जाएगा”। और फिर इसी दिन से नाग पंचमी (Nag Panchami 2024) पर गुड़िया पीटने की परंपरा शुरू हो गई।
काल सर्प दोष से मिलती है मुक्ति
जिन लोगों की कुंडली में काल सर्प दोष है और वो इसके कारण काफी परेशान है उन लोगों के लिए नाग पंचमी (Nag Panchami 2024) का दिन काफी अच्छा है। दरअसल मान्यता है कि नाग पंचमी (Nag Panchami 2024) के दिन नागों की पूजा करने से जीवन में काल सर्प दोष नहीं लगता। इसके अलावा जो लोग कालसर्प दोष के भयानक दोष से परेशान हैं उन्हें आज के दिन शिवलिंग के साथ नाग देवता को दूध अर्पित करना चाहिए और चांदी के नाग-नागिन बनाकर जल में प्रवाहित करने चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में कालसर्प दोष का दुष्प्रभाव कम हो जाता है और जातक का जीवन खुशियों से भर जाता है।
Nag Panchami 2024 पर कैसे करें पूजा
- इस दिन नाग कुल के सभी नागों की पूजा अवश्य करें।
- नाग देवता को गाय का दूध, सफेद फूल, धान का लावा और धूप आदि अर्पित करें।
- नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए ‘ओम वकुल नागाय विद्महे विषदंताय धीमहि, तन्नो सर्प: प्रचोदयात्’ मंत्र का जाप करें।
- नाग देवता की मूर्ति पर तांबे के लोटे से दूध और जल अर्पित करें।
- संभव हो तो मंदिर में चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा रखकर उनकी पूजा और उनका अभिषेक करें।
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