5 Famous Kathavachak : देश में काफी कथावाचक है जो अलग- अलग ग्रंथों की सीख लोगों को देते है। कुछ भगवान कृष्ण, तो कुछ भगवान शिव, भगवान राम से जुड़ी कथाएँ करते है। इन कथावाचक की कथाओं में हजारों- लाखों लोग जाते है। युगों से, महिला कथावाचकों ने अपनी प्रतिभा और कौशल से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है।
उनकी आवाज़ में जादू है जो हमें एक अलग दुनिया में ले जाती है, जहाँ कल्पना और वास्तविकता का संगम होता है। इसी कड़ी में आज हम आपको कुछ 5 महिला कथावाचकों (5 Famous Kathavachak) के बारें में बताएंगे जो खूबसूरती में बॉलीवुड एक्ट्रेस को भी मात देती है और ये महिला कथावाचक देश दुनिया में भी काफी फेमस है।
1. जया किशोरी (Jaya Kishori)
जया किशोरी एक प्रसिद्ध भारतीय कथावाचक (5 Famous Kathavachak), भजन गायिका और वक्ता हैं। वह 13 जुलाई 1995 को राजस्थान के सुजानगढ़ में एक गौड़ ब्राह्मण परिवार में पैदा हुईं। बचपन से ही उन्हें भक्ति और अध्यात्म में गहरी रुचि थी। उन्होंने कोलकाता में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और बाद में बी.कॉम की पढ़ाई की। जया किशोरी मात्र 9 साल की उम्र से स्तोत्र पाठ करने लगी थीं और 10 साल की उम्र तक सुंदरकांड के पाठ से लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध कर चुकी थीं। उन्हें भागवत कथा और नानी बाई के मायरो के पाठ में विशेष महारत हासिल है। वह 7 साल की उम्र से भागवत कथा का वाचन कर रही हैं और उनकी 3 दिवसीय और 10 दिवसीय भागवत कथा को खूब लोकप्रियता मिली है।
2. देवी चित्रलेखा (Devi Chitralekha)
कथावाचक (5 Famous Kathavachak) देवी चित्रलेखा जी का जन्म 19 जनवरी 1997 को हरियाणा के पलवल जिले के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। मात्र 4 साल की उम्र में ही उन्होंने गुरु गिरधारी बाबा की संस्था से जुड़कर कथा वाचन की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। 6 साल की उम्र से ही उन्होंने लोगों को उपदेश देना और कथा सुनाना शुरू कर दिया था। देवी चित्रलेखा एक प्रभावशाली युवा कथावाचक, आध्यात्मिक वक्ता और भगवद्गीता की उपदेशक हैं। उनके कंठ में साक्षात मां सरस्वती का वास माना जाता है। 2019 में उन्हें आध्यात्मिक और युवा उपदेशक के लिए ‘वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था।
कुछ समय पहले अफवाह फैली थी कि उन्होंने एक मुस्लिम युवक से शादी की है, लेकिन उन्होंने खुद इस बात का खंडन किया है। आज देवी चित्रलेखा जी भारत की सबसे कम उम्र की लोकप्रिय कथावाचकों में से एक हैं। वे टीवी और सोशल मीडिया के माध्यम से लाखों लोगों तक अपना संदेश पहुंचाती हैं। उनकी कथाओं और उपदेशों से प्रभावित होकर अनेक लोग उन्हें फॉलो करते हैं।
3. देवी कृष्णप्रिया जी (Devi Krishna Priya ji)
देवी कृष्णप्रिया जी एक प्रसिद्ध कथावाचक (5 Famous Kathavachak) और प्रेरक वक्ता हैं। वे 26 जनवरी 1997 को मथुरा, उत्तर प्रदेश में एक धार्मिक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुईं। उनके पिता एक पुजारी हैं और उनका परिवार धार्मिक मान्यताओं और प्रथाओं में गहराई से जुड़ा हुआ है। बचपन से ही कृष्णप्रिया जी को धार्मिक गतिविधियों में रुचि थी और चार साल की उम्र में ही उन्होंने नियमित रूप से आरती करना शुरू कर दिया था।
13 साल की उम्र में ही वे धार्मिक प्रवचन देने लगी थीं और उनके ग्रंथों के ज्ञान और समझ की व्यापक सराहना होने लगी। कृष्णप्रिया जी देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करती हैं। उन्होंने 380 से अधिक महा ज्ञान यज्ञ किए हैं, जो ज्ञान फैलाने और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक आयोजन होते हैं।
4. पलक किशोरी जी (Palak Kishori ji)
पलक किशोरी जी, जिन्हें शाम्भवी मिश्रा के नाम से भी जाना जाता है, भारत के मध्य प्रदेश राज्य के सतना शहर में एक धार्मिक हिन्दू परिवार में पैदा हुईं। उनका जन्म 24 दिसंबर, 2005 को हुआ था। ये अभी 12वीं कक्षा की छात्रा हैं और धार्मिक ग्रंथों और कथाओं के प्रति गहरी रुचि रखती हैं।
2021 के लॉकडाउन के दौरान, सिर्फ 16 साल की पलक ने अपना पहला सार्वजनिक कथा वाचन दिया था, जिसने सुनने वालों की एक बड़ी संख्या को आकर्षित किया। उनके संगीतमय और प्रेरणादायक भाषणों ने कई लोगों के हृदय को छू लिया है, और उन्हें प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी (5 Famous Kathavachak) से तुलना की जाती है।
5. देवी नेहा सरस्वत (Devi Neha Saraswat)
देवी नेहा सरस्वत, भारतीय अध्यात्म (5 Famous Kathavachak) की दुनिया की एक उभरती हुई स्टार हैं। उनका जन्म 26 जून 1997 को उदयपुर, उत्तर प्रदेश, भारत में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा चिरंजीलाल गर्ल्स इंटर कॉलेज, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश से हुई थी। बचपन से ही उन्होंने अपना ध्यान भगवान की आराधना में व्यतीत करना शुरू कर दिया था। उन्होंने पहली बार 8 साल की उम्र में श्रीमद्भागवत गीता का पाठ किया था।
उनकी छोटी बहन देवी निधि सारस्वत ने बहुत ही कम उम्र में उनके साथ कथा प्रचार में शामिल होना शुरू कर दिया था। जल्द ही दोनों बहनें ‘युगल जोड़ी’ के रूप में लोकप्रिय हो गईं। उन्हें अपार लोकप्रियता मिली और उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में कथा का आयोजन करना शुरू कर दिया।