पतंजली आयुर्वेद के मुखिया बाबा रामदेव और पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं. आचार्य बालकृष्ण इस कार से ही अपने घर से ऑफिस आते जाते हैं. यही नहीं वह आमतौर पर एक फीचर फोन का भी इस्तेमाल करते हैं हालांकि उनके पास एक आईफोन भी है. आचार्य बालकृष्ण आमतौर पर सफेद लूंगी और कुर्ता में नजर आने वाले बेहद लो प्रोफाइल में रहते हैं. और अक्सर चर्चा से परे रहते हैं. हुरून इंडिया रिच लिस्ट में देश के अमीरों में 18वें पायदान पर इनको रखा गया है.
आयुर्वेद औषधि से सम्बंधित पुस्तके लिखने में है रूचि
आचार्य बालकृष्ण का जन्म 4 अगस्त 1972 में हरिद्वार उत्तराखंड भारत में हुआ है इनकी माता का नाम सुमित्रा देवी और पिता का नाम जय बल्लभ है. आचार्य बालकृष्ण संस्कृत में आयुर्वेदिक औषधियों और जड़ी बूटियों के ज्ञान में निपुणता प्राप्त की है और इसका प्रचार प्रसार का कार्य करते हैं.
आचार्य बालकृष्ण ने पतंजली योगपीठ के आयुर्वेद केंद्र के माध्यम से पारंपरिक आयुर्वेद पद्धति को आगे बढ़ाने का कार्य किया. इन्होंने आयुर्वेदिक औषधियों से संबंधित कई पुस्तकें भी लिखी हैं. बालकृष्ण ने रामदेव के साथ मिलकर हरिद्वार में आचार्यकुलम की स्थापना की है. वह नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ से भी जुड़े हैं.
करोड़ो की संपत्ति के हैं मालिक
आचार्य बालकृष्ण की दौलत 46800 करोड़ रुपए है. हालांकि इसके बाद भी ये लग्जरी लाइफ से परे हैं, लेकिन दो ऐसी चीजें इस्तेमाल करते हैं जो दुनिया के सबसे टॉप ब्रांड में शामिल है. आचार्य बालकृष्ण रेंज रोवर कार से चलते हैं, इस कार को लेकर पूछे गए सवाल पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा था कि मुझे इस कार को खरीदने के लिए फोर्स किया गया था, आमतौर पर हमें लंबी यात्राएं करनी पड़ती है. और ऐसे में यह जरूरी है कि आपके पास एक मजबूत कार हो. मैं महंगी चीजों को लेकर ज्यादा परवाह नहीं करता आचार्य बालकृष्ण इस कार से ही अपने घर से ऑफिस आते जाते हैं यही नहीं वे आमतौर पर एक फीचर फोन का भी इस्तेमाल करते हैं और उनके पास एक आईफोन भी है.
क्या है पतंजली का सलाना टर्नओवर
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने अपने बिजनेस की दुनिया 1995 में शुरुआत की थी. और दिव्य फार्मेसी की स्थापना की थी. इसके बाद इन दोनों ने मिलकर पतंजली आयुर्वेद की स्थापना 2006 में की. आज इस कंपनी का सालाना टर्नओवर 10,000 करोड़ रुपए के करीब आते हैं. आचार्य बालकृष्ण की पतंजलि आयुर्वेद में लगभग 98.5 परसेंट की हिस्सेदारी है.
पतंजली आयुर्वेद की प्लानिंग में आचार्य बालकृष्ण की सबसे अहम भूमिका रहा है. इनके अलावा वह पतंजली समूह की ओर से स्थापित पतंजलि यूनिवर्सिटी के कुलपति भी हैं. पतंजली आयुर्वेद की कामयाबी में अहम भूमिका निभाने वाले बाल कृष्ण ने शुरुआती शिक्षा गुरुकुल से ली थी. वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से हाईस्कूल और ग्रेजुएशन की डिग्री भी ली है.