सूर्यकुमार यादव भारतीय टीम के एक ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने लगातार तीसरे साल आईपीएल में 100 रन का आंकड़ा छुआ सूर्यकुमार इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं जो आज इस मुकाम पर खड़े हुए हैं. सूर्य कुमार ने साल 2018 में 512 रन बनाए थे जबकि पिछली बार उन्होंने 424 रन बनाए थे अब जब मुंबई का एक मुकाबला बाकी है, तो सूर्य कुमार 13 मैचों में 41.55 के औसत से 274 रन हासिल करने वाले खिलाड़ी बन गए हैं. इतने बेहतरीन बल्लेबाज होने के बावजूद भी सूर्यकुमार यादव को वनडे और टी-20 टीम में क्यों नहीं लिया गया? यह सवाल सभी फैंस के मन में बना हुआ है.
सूर्य कुमार को क्यों नहीं लिया गया टीम में
बता दे, पिछले दिनों में ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम इंडिया में बीसीसीआई को चयन के बाद दो बड़े विवादों में घिरा गया था. जिसमें कि रोहित शर्मा को लेकर विवाद हुआ था. अगर बात करें दूसरे की, तो सूर्यकुमार यादव के साथ भी ऐसा ही कुछ रहा. दोनों के साथ ही हजारों फैंस सहानुभूति जता रहे हैं और साथ ही सभी के मन में यह सवाल है कि, ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए इतने बेहतरीन खिलाड़ियों को क्यों नहीं चुना गया.
कोच रवि शास्त्री ने दी सफाई
भारतीय कोच रवि शास्त्री ने बेहतरीन खिलाड़ी रोहित शर्मा के ऑस्ट्रेलिया दौरे से बाहर किए जाने पर सफाई दी थी. बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव के टीम में चयन ना होने से चारों तरफ से बीसीसीआई को आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है.
इसके बावजूद नए चीफ सेलेक्टर सुनील जोशी ने इस बारे में कोई भी बात नहीं की है. अब भारतीय कोच रवि शास्त्री को सूर्यकुमार यादव को लेकर सफाई देनी पड़ी. उन्होंने बताया कि आखिर क्या वजह थी कि सूर्यकुमार यादव को टीम से बाहर कर दिया गया.
कोच रवि शास्त्री ने बताया कि,
” भारतीय टीम में बल्लेबाजों की जगह बिल्कुल फेक है जिसमें सूर्य कुमार अपनी जगह बनाते नहीं दिखाई दिए इसी कारण हम युवाओं से कह रहे हैं कि उन्हें अभी धैर्य रखना है सूर्य कुमार की तरह कई और युवा खिलाड़ी भी हैं लेकिन जब आपके पास एक ऐसी टीम है जो पहले से प्रतिभाशाली और अनुभव से पिक है तो फिर युवा के लिए जगह बनाना बहुत मुश्किल काम हो गया है”.
कोच रवि शास्त्री ने अपना समय याद किया
रवि शास्त्री ने इस बारे में बात करते हुए बताया कि, ” मुझे अभी भी याद है जब भारतीय टीम में एक नंबर से लेकर 6 नवंबर तक एकदम क्रम तय रहता था. उस समय कोई भी खिलाड़ी मिडिल ऑर्डर भेजते हुए जगह बना पाए यह बड़ा ही मुश्किल था इसके बावजूद भी ऐसे बल्लेबाज भी थे जो घरेलू क्रिकेट में रनों की बौछार कर देते थे राष्ट्रीय टीम का दरवाजा भी खटखटाते थे”.
”मैं सभी युवा खिलाड़ियों से सिर्फ यही बात कहना चाहता हूं कि, अभी वह धैर्य रखें और जब उन्हें मौका दिया जाएगा तो वह अपने दोनों हाथों को जकड़ ले. तब अपना हुनर दिखाएं. उस समय आप मौके को ना गवाएं. युवा निराश ना हो और सकारात्मक रहे.