टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2022) का फाइनल मुकाबला मेलबर्न क्रिकेट ग्रांउड पर रविवार को खेला गया। पाकिस्तान और इंग्लैड के बीच खेले गए इस रोमांचक मैच में पाकिस्तान के तेज़ गेंदबाज़ शाहीन अफरीदी (Shaheen Afridi) एक बार फिर से अपनी चोट से जूझते नजर आए। दरअसल इंग्लैड के खिलाफ मैदान में गेंदबाज करने आए शाहीन (Shaheen Afridi) अपने ओवर की पहली गेंद फेंकने के बाद ही दर्द से कराहते हुए नजर आए और जमीन पर लेट गए।
इसके कुछ देर बाद चेकअप के बाद वह मैदान से बाहर चले गए। लिहाजा, शाहीन (Shaheen Afridi) के ओवर की बची हुई पांच गेंदें इफ्तिखार अहमद ने फेंकी। बता दें कि शाहीन ने अपनी इंजरी के काफी समय बाद टी20 वर्ल्ड कप में वापसी की थी। लेकिन एक बार फिर से वह चोटिल होने की वजह से क्रिकेट मैदान से दूर रह सकते हैं।
Shaheen Afridi के चोटिल होने की वजह से हारा पाकिस्तान

दरअसल इंग्लैड के खिलाफ पाकिस्तान ये मुकाबला जीत सकता था लेकिन शाहीन (Shaheen Afridi) के चोटिल होते ही यह मैच हाथ से निकल गया। ऐसे में शाहीन की ये इंजरी आने वाले मुकाबलों में भी पाक के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। जानकारी के अनुसार शाहीन के सीधे पैर के घुटना में ब्रेस है। जिसके चलते वह एक बार फिर से लंबे समय तक टीम से बाहर हो सकते हैं। बता दें कि पाकिस्तान 1 दिसंबर से इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज़ खेलेंगी। इस सीरीज के कुल तीन मैच खेले जाएंगे।
वहीं, इस के अलावा पाक टीम न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टेस्ट, वनडे और टी20 सीरीज़ भी खेलेंगी। बहरहाल, शाहीन अपनी चोट की वजह से इन तमाम सीरीजों से बाहर रह सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान गेंदबाजी में काफी कमजोर पड़ सकती है, क्योंकि शाहीन टीम के इकलौते घातक गेंदबाज हैं।
टी20 वर्ल्ड कप में शाहीन ने की शानदार वापसी

गौरतलब है कि टी20 वर्ल्ड कप से पहले भी शाहीन (Shaheen Afridi) चोटिल होने की वजह से टीम से बाहर थे। इसी वजह से वह एशिया कप 2022 का हिस्सा नहीं बने थे। लेकिन विश्व कप से पहले उन्होंने अपना रिहैब पूरा किया और टीम में शानदार वापसी की। लेकिन अब एक बार फिर से फाइनल मुकाबले में उनकी चोट उभर गई हैं। बता दें कि इंग्लैड के खिलाफ फाइनल मुकाबले के दौरान शाहीन अफरीदी एक कैच लेते समय दर्द से कराहते हुए नजर आए।
इसके बाद वह अपना ओवर पूरा किए ही बिना ही मैदान से बाहर चले गए। बता दें कि शाहीन के ओवर तक पूरा मैच पाक के हक में था लेकिन उनके चोटिल होने की वजह से इंग्लैड का पलड़ा भारी हो गया और उन्होंने आसानी से ये खिताब अपने नाम कर लिया।
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