Virender Sehwag

Virender Sehwag: इंडियन क्रिकेट टीम में अपनी शानदार ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी के चलते अपनी अगल पहचान बनाने वाले वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) इंडिया के लिए तीनो की फॉर्मेट में बल्लेबाज़ी कर चुके है. वो उन चुंनिंदा खिलाडियों में से है जिन्होंने तीनो की फॉर्मेट में शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम में अपनी जगह कभी खोई नहीं. शानदार क्रिकेट करियर के बावजूद आज भी सहवाग को अपने टेस्ट करियर में 10 हज़ार रन पुरे ना कर पाने का अफ़सोस है और इसी पर इतने सालों बाद आज सहवाग (Virender Sehwag) ने अपनी चुप्पी तोड़ी है.

अगर ड्राप न होता तो 10 हज़ार रन बना लेता

अगर उस समय कप्तान का साथ मिलता तो 10 हज़ार रन बनाकर संन्यास लेता, सहवाग ने बयां किया अपना दर्द

वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने टेस्ट क्रिकेट का रूप ही इंडिया के लिए एक दम बदल दिया था. वो टेस्ट मैच के एक ही दिन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाडियों में से एक है. अपने टेस्ट क्रिकेट में 10 हज़ार रन ना बना पाने की जब उनसे वजह पूछी तो सहवाग (Virender Sehwag) ने कहा, “अचानक मुझे अहसास हुआ कि मैं टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हूं, मैं बहुत निराश हो गया. अगर मुझे उस एक साल के लिए ड्रॉप नहीं किया जाता, तो मैं अपना टेस्ट करियर 10 हजार से ज्यादा रनों के साथ खत्म करता.”

सहवाग ने यह भी बताया की टीम से ड्राप होने के बाद उन्होंने संन्यास का भी फैसला किया था लेकिन फिर सचिन की बात सुनकर उन्होंने यह फैसला ताल दिया. इसके बाद उनको दोबारा टेस्ट टीम में मौका मिला तो उन्होंने 319 रन की धमाकेदार पारी खेली. सहवाग ICC रैंकिंग में पहले पायदान पर पहुँचने वाले भारतीय खिलाडी भी रहे है.

Virender Sehwag को मिला कुंबले का साथ

Virender Sehwag

सहवाग (Virender Sehwag) ने कहा कि, ”उस दौर के बाद अनिल कुंबले ने मुझसे वादा किया था कि मैं जब तक टेस्ट टीम का कप्तान रहूंगा, तुम टेस्ट टीम से बाहर नहीं होगे. खिलाड़ी को इस तरह कप्तान से कॉन्फिडेंस मिलता है. करियर की शुरुआत में सौरव गांगुली ने मुझ वह भरोसा दिखाया था और बाद में कुंबले ने.”

हम बता दें अनिल कुंबले की कप्तानी में सहवाग (Virender Sehwag) ने 9 टेस्ट मैचों में 65 के औसत से कुल 1,040 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 3 शतक देखने को मिले. इन 3 शतकों में एक दोहरा शतक और एक तिहरा शतक शामिल है.

ऐसा रहा सहवाग का टेस्ट करियर

अगर उस समय कप्तान का साथ मिलता तो 10 हज़ार रन बनाकर संन्यास लेता, सहवाग ने बयां किया अपना दर्द

राहुल द्रविड़ की कप्तानी में कार्यकाल में खराब फॉर्म के चलते चयनकर्ताओं ने सहवाग (Virender Sehwag) को भारतीय टेस्ट टीम से बाहर कर दिया था. 2007-08 में जब अनिल कुंबले की कप्तानी में भारत, ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गया था, तब सहवाग की टीम में वापसी हुई थी और उसके बाद उन्होंने पीछे मुड कर नहीं देखा. सहवाग (Virender Sehwag) के करियर की बात करे तो उन्होंने इंडिया के लिए 104 मैच खेले है जिसमें 50 के औसत और 82 के स्ट्राइक रेट से उन्होंने 8,586 रन बनाये है.

और पढ़िए:

कोहली नहीं देते थे ज्यादा मौके, फाफ ने आकर किया बढ़िया बदलाव, सहवाग ने दिया RCB के लिए यह बड़ा बयान

IPL 2022 में सबसे ज्यादा उम्र के साथ शानदार प्रदर्शन करने वाली “ओल्ड” प्लेइंग XI

आईपीएल 2022 में भी बेटे अर्जुन को टीम में जगह ना मिलने पर सचिन तेंदुलकर ने कही ये बात, सेलेक्शन के लिए कड़ी मेहनत जरूरी

"