उत्तराखंड

उत्तराखंड के चमोली ज़िले के जोशीमठ में ग्लेशियर फटने की घटना से ऋषिगंगा घाटी में अचानक आई बाढ़ के बाद बचाव कार्य जारी है और सुरंगों में फँसे मज़दूरों को निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। रविवार को ग्लेशियर फटने से इस इलाके में भारी तबाही का मंज़र है। अधिकारियों से मिली सूचनों के मुताबिक अब तक 7 शव बरामद किए गए हैं जबकि 170 लोग लापता हैं।

कैसे और अब कब हुआ था हादसा

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उत्तराखंड के चमोली ज़िले के जोशीमठ में रविवार को सुबह के दस बजे के आस-पास कुछ नदियों में पानी अचानक से बन गया था, दरअसल नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने से भूस्खलन हुआ और धौली गंगा, ऋषि गंगा और अलकनंदा नदियों में पानी का स्तर तेजी से बढ़ गया जिससकी वजह से इलाके में अफरा-तफरा मच गई।

अचानक से आई इस बाढ़ की वजह से इलाके में मौजूद इनटीपीसी की दो पनबिजली परियोजनाओं, तपोवन-विष्णुगढ़ परियोजना और दूसरी ऋषिगंगा परियोजना को भारी नुकसान हुआ है।

इन दोनों परियोजनाओं से जुड़ी सुरंगों में पानी भर गया और वहां काम कर रहे मज़दूर फँस गए।

उत्तराखंड प्रशासन किया राहत कार्य तेज़

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आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “हमने दूसरी टनल के लिए सर्च ऑपरेशन तेज़ कर दिया है, वहां करीब 30 लोगों के फंसे होने की सूचना है। आईटीबीपी के 300 जवान टनल को क्लियर करने में लगे हैं। जिससे लोगों को निकाला जा सके। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक 170 लोग इस आपदा में लापटा हैं”।

उत्तराखंड प्रशासन ने बताया है कि ग्लेशियर फटने की घटना से ऋषिगंगा घाटी में अचानक आई बाढ़ के बाद तेज़ कर दिया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि सुरंगों के आप-पास काफी मलबा होने के कारण मशीनों की मदद से ही बचाव कार्य शुरू किया जा सकाता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सुरंग के भीतर से लोगों को सुरक्षित निकाला जा सकेगा। उन्होंने बताया है कि बचाव कार्य में आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें जुटी हुई हैं।

इस त्रासदी में तपोवन हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पॉवर डैम जिसे ऋषिगंगा प्रोजेक्ट के नाम से भी जाना जाता है, वह पूरी तरह से तबाह हो गया है।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने किया सहायता राशि देने का ऐलान

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि “इस कठिन समय में मोदी सरकार उत्तरखंड की जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें वहां पहुँच गई हैं। वायुसेना को भी अलर्ट पर रखा गया है”।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी में मरने वालों लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया ह। इसके अलावा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी हादसे मरने वाले लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है।

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