Delhi Cm Arvind Kejriwal Did Not Get Bail, Now Hearing Will Take Place This Month

Arvind Kejriwal : दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) काफी समय से शराब घोटाले के केस में जेल में बंद है. वहीं उनकी जमानत की याचिक पर आज सुनवाई होनी थी. जिसका फैसला हाई कोर्ट ने सुना दिया है. हाई कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत को रद्द कर दिया है. ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था, जहां हाईकोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर अंतरिम रोक लगा दी थी.

बता दें कि राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी. उसके बाद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट 26 जून को सुनवाई करेगा. न्यायमूर्ति सुरेश कुमार जैन की अवकाशकालीन पीठ ने पूर्ववर्ती अदालत के फैसले को ईडी द्वारा चुनौती दिए जाने के बाद 21 जून को सुरक्षित रख लिया था.

अरविन्द केजरीवाल को नहीं मिली कोर्ट से राहत

Cm Kejriwal Bail Decision

उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाने जाने तक न्यायालय के फैसले के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी. आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था. वह तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते थे यदि उच्च न्यायालय ने ईडी को अंतरिम राहत नहीं दी होती. आज कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया, जिसमें केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को कोई राहत नहीं मिली है. केजरीवाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जहां सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की ओर से फैसला सुरक्षित रखने जाने को ‘असामान्य’ बताया और कहा कि आमतौर पर स्टे की याचिका में फैसला उसी समय होता है.

जमानत याचिक पर कोर्ट ने सुनाया फैसला

Cm Kejriwal Bail Decision

केजरीवाल ने शनिवार को हाई कोर्ट की अंतरिम रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. अगर मुख्य अदालत ने प्रथम अदालत के आदेश पर रोक नहीं लगाई होती तो आम आदमी पार्टी के प्रमुख शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बाहर आ जाते. जांच एजेंसी ने दावा किया है कि ट्रायल कोर्ट का आदेश असंतुलित था. यह भी दावा है कि अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) अपनी खातिर पेश होने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया.

केजरीवाल के वकील ने सोमवार को उच्च न्यायालय में लिखित याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि ईडी द्वारा दावा किया गया कि “स्पष्ट रूप से गलत, तथ्य और छल और गलत रिपोर्ट के समान हैं.” इस पर ईडी ने भी बार-बार दलील दी थी कि उसे सुनवाई का उचित अवसर नहीं दिया गया और उसकी सभी दलीलों पर कार्रवाई नहीं की गई, उसे शुरू में ही खारिज कर दिया जाता है.

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