Wolf-Attack-In-Up-Baharaich-On The Dark Night Of Amavasya, Wolves Will Assume A Terrifying Form

Wolf Attack : उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़ियों (Wolf Attack) का आतंक लगातार बरक़रार है. शनिवार की रात भेड़ियों ने फिर दो लोगों पर हमला कर घायल कर दिया. अब लोगों में इस बात की खास चिंता है कि 2 सितंबर को सोमवती अमावस हैं. ऐसे में आदमख़ोर भेड़िये किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं. खतरनाक बात यह है कि भेड़ियों का गैंग आज की रात फिर से सक्रिय हो जाएगा. हालाँकि भेड़ियों को शिकार के लिए पूरा मौका मिला है. 9 लोगों की मृत्यु के बाद चार भेड़ियों को तो पकड़ लिया गया परंन्तु वे अब तक खतरनाक बने हुए है. शनिवार की रात को भी ऐसा ही हुआ. उन्होंने दो लोगों पर हमला कर दिया, जिसमें एक बच्चा और बुजुर्ग भी शामिल थे.

Wolf Attack : यूपी के बहराइच में बढ़ा भेड़ियों का आतंकWolf Attack

बहराइच के 35 गांव के लोगों को खतरा है कि रात को कोई भी भेड़िया (Wolf Attack) बड़ा हमला कर सकता है. इसकी जानकारी मां बगलामुखी पीठ के महंत महंत गिरी त्रिशूल बाबा ने दी है जिसमें बताया गया है कि पूर्णिमा में चांद के होने से शांति बनी रहती है और चाँद कि रौशनी की तेजी होती है. वहीं अमावास में चाँद नहीं दिखता है जिसके चलते असुरी शक्तियों के साथ-साथ हिंसक जानवर उग्र हो जाते हैं. यही कारण है कि पशुधन पर भेड़ियों के उग्र होने की बात सामने आती है. भेड़िया गांव के आसपास के जंगलों में रहता है और वह गांव की ओर शिकार करता है.

वन विभाग ने 4 भेड़ियों को पकड़ा

Wolf Attack

जब भेड़िया (Wolf Attack) एक बार शिकार करता है तो उसे पूरा मार ही देता हैं. अन्य भेड़िया भी उसी दिशा की ओर जाते हैं और शिकार करते हैं. किसी एक भेड़िये द्वारा शिकार किए गए अन्य भेड़िये शिकार की तलाश में निकलते हैं तो वह झुंड में शिकार करने निकलते हैं. अमावस की रात भेड़ियों का ख़ास कनेक्शन होने की बात सामने आती है. ऐसी मान्यता है कि आस-पास के जंगलों में भेड़िया रहते हैं और शिकार करने के लिए इस गांव में आते हैं. शिकार करने के बाद उन्हें इंसानों के ख़ून की ख़ुशबू के कारण अन्य भेड़िया भी उसी दिशा की ओर जाते हैं और शिकार करते हैं.

9 लोगों को मौत के घाट उतार चुके हैं भेड़िये

 

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धर्म और शास्त्रों से जुड़े लोगों के अनुसार पूर्णिमा में चंद्रमा के होने से शांति बनी रहती है और सूर्य की रोशनी में तेजी बनी रहती है. जिससे भेड़ियों को शिकार करने में दिक्कत आती हैं. वहीं बहराइच और उसके आसपास के गाँव के लोगों में अमावस्या की रात बड़े हमलों का डर है. वन विभाग के विशेषज्ञ का कहना है कि एक भेड़िये की वजह से सब कुछ हो रहा है. भेड़िया (Wolf Attack) एक बार शिकार कर लेता है तो दो से तीन दिन तक उसका पेट भरा रहता है. उसके बाद ही वह अगली बार के लिए शिकार करने लगता है.

अमावस की रात में ज्यादा खूंखार हो जाते हैं भेड़िये

Wolf Attack

भेड़िये (Wolf Attack) की हमले करने की क्षमता काफी होती है. वह 2 किमी तक सूंघकर पहुंच सकता है. साथ ही 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं. लेकिन अब वह लोगों को खतरे में डाल रहा है कि अमावस की रात बड़ा हमला हो सकता है. इसके पीछे कई किस्से और कहानियां हैं, लेकिन इनमें यह भी माना गया है कि अमावस्या की रात इंसानों को तो कुछ नहीं दिखता लेकिन भेड़ियों को कुदरत ने देखने की अनोखी शक्ति दी है.

आज की रात स्थानीय लोगों में डर का साया

Wolf Attack

वाइल्ड लाइफ़ के वैज्ञानिक भी कहते हैं कि पूर्णिमा की रात जब भेड़िये (Wolf Attack) की आवाज़ आती है तो उसके पीछे एक सन्देश देने की कोशिश होती है कि आज शिकार करने का मुफ़ीद समय नहीं है. पूर्णिमा की रात से ज्यादा अमावस की रात ज़्यादा काली होती है और ऐसे जानवर अंधेरे में शिकार करना पसंद करते हैं. इसलिए यह संभव है कि सभी इसके लिए जागरूक हो.

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