Swati Mohan Rathod

Swati Mohan Rathod : कई सफलताओं के पीछे सिर्फ एक व्यक्ति की मेहनत नहीं, बल्कि पूरे परिवार का त्याग भी होता है। अपने दृढ़ निश्चय की बदौलत असफलता को भी मात दी जा सकती हैं और आखिरकार सफलता मिल ही जाती हैं। ​​हर असफलता से सीखना और अपने साहस को मजबूत रखना जरूरी होता हैं। यही वजह है कि आज एक लड़की दूसरों के लिए लगन और दृढ़ता की प्रेरणा बन गई हैं। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में 4 बार असफल होने के बाद आखिरकार उसने आईएएस (Swati Mohan Rathod) बनकर ही दम लिया है।

पांचवें प्रयास में आईएएस Swati Mohan Rathod

Swati Mohan Rathore

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं सोलापुर जिले कि रहने वाली स्वाति मोहन राठौड़ (Swati Mohan Rathod) की, जिसने पांचवें प्रयास में सफलता हासिल की है। स्वाति ने बिना कोचिंग ज्वाइन किए यूपीएससी की तैयारी की और 4 प्रयासों में असफल होने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आखिरकार 5वें प्रयास में 492वीं रैंक प्राप्त कर यह परीक्षा पास कर ली। स्वाति के पिता सोलापुर के बाजार में सब्जी बेचते हैं। बेटी की इस सफलता से जहां पिता बेहद खुश हैं, वहीं पूरे शहर में स्वाति की तारीफ हो रही है।

कौन हैं आईएएस बनने वाली स्वाति?

Swati Mohan Rathore

स्वाति मोहन राठौड़ (Swati Mohan Rathod) मूल रूप से सोलापुर के बंजारा परिवार से हैं। घर की खराब हालत के कारण परिवार को लगातार आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। परिवार में तीन बहनें और एक भाई हैं। राठौर परिवार बीजापुर रोड पर आदित्यनगर इलाके में किराए के मकान में रहता है।

मुंबई और सोलापुर में शिक्षा स्वाति ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नगर निगम स्कूल से पूरी की। उन्होंने 10वीं तक मुंबई में पढ़ाई की। चूंकि माता-पिता मुंबई में खर्च वहन नहीं कर सकते थे, इसलिए वे सोलापुर में रहने आ गए। इसके बाद स्वाति ने सोलापुर के भारती विद्यालय से 11वीं और 12वीं की पढ़ाई की।

माता-पिता ने सब्जी बेचकर भी स्वाति को पढ़ाया

Swati Mohan Rathore

सोलापुर के वसुंधरा कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने (Swati Mohan Rathod) वालचंद कॉलेज से भूगोल में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। पढ़ाई के दौरान एक कार्यक्रम में भाषण देते समय उन्हें यूपीएससी के बारे में पता चला और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करके अधिकारी बनने का फैसला किया।

स्वाति की शिक्षा यात्रा उनके समर्पण का प्रमाण है। नगर निगम द्वारा संचालित स्कूल से माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने सोलापुर के वालचंद कॉलेज से भूगोल में ग्रेजुएशन किया और फिर पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। ​स्वाति के माता-पिता उसी इलाके में सब्जी बेचने का व्यवसाय करते हैं।

बंजारा समुदाय की पहली लड़की जो बनी आईएएस

Swati Mohan Rathore

इसी दौरान उन्होंने (Swati Mohan Rathod) यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया। हालातों से जूझते हुए स्वाति ने पढ़ाई शुरू की। उन्होंने चार बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन असफल रहीं. हालांकि, वे असफलता से थकी नहीं और लगातार प्रयास करती रहीं। स्वाति कहती हैं कि उन्होंने समस्याओं से ज्यादा समाधान को महत्व दिया और उस पर काम किया। इसके बाद उन्होंने पढ़ाई की और 2023 में यूपीएससी की परीक्षा दी। स्वाति राठौर सोलापुर के बंजारा समुदाय की पहली लड़की हैं, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की है.

पढ़ाई के लिए स्वाति की मां ने गिरवी रखे जेवर

Swati Mohan Rathod

उनकी (Swati Mohan Rathod) मां ने कहा कि उन्हें स्वाति की सफलता पर गर्व है. मेरे माता-पिता ने मुझे बहुत मेहनत से पढ़ाया। कभी-कभी हालात में उतार-चढ़ाव आए, तो मां ने सोना गिरवी रख दिया, लेकिन पढ़ाई में इसे समस्या नहीं बनने दिया। हाल ही में इस परीक्षा का रिजल्ट घोषित हुआ और स्वाति को पांचवें प्रयास में सफलता मिली है। स्वाति ने कहा कि उनकी वजह से ही वह यह सफलता हासिल कर पाईं। खराब हालातों के बावजूद मिली सफलता के लिए स्वाति की खूब तारीफ हो रही है।

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