Snake Court

Snake Court : विज्ञान भले ही सांपों से जुड़े अंधविश्वासों को कोरा झूठ मानता हो। लेकिन सीहोर के लसूड़िया परिहार गांव में दिवाली के दूसरे दिन यानी पड़वा पर पिछले दो सौ सालों से अनोखी सांप अदालत लगती है। जहां सांप द्वारा काटे गए पुरुष या महिला के शरीर में सांप प्रवेश कर जाते हैं और उन्हें औपचारिक रूप से अदालत में पेश किया जाता है। इतना ही नहीं इन सांपों (Snake Court) से वादा लिया जाता है कि वे दोबारा नहीं काटेंगे, तभी सांपों को मुक्ति मिलती है। इस अनोखी अदालत में जिले और प्रदेश के सर्पदंश से पीड़ित लोग हिस्सा लेते हैं।

Snake Court : देश के इस जगह पर लगती है सांप अदालत

Snake Court

शायद आपको इस बात पर आसानी से यकीन ना हो। लेकिन सीहोर जिला मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लसूड़िया परिहार गांव में दिवाली के दूसरे दिन यानी पड़वा पर पिछले दो सौ सालों से अनोखी सांप अदालत लगती है। यह अनोखी और शरीर को सिहरन पैदा करने वाली अदालत (Snake Court) गांव में बने हनुमान मंदिर में लगती है।

इस गांव के निवासियों की मानें तो मंगल बाबा नामक एक संत प्राचीन काल से इस स्थान पर दरबार लगाते आ रहे हैं। लसुड़िया परिहार सीहोर से करीब 8 किलोमीटर दूर है। ऐसा दावा किया जाता है कि यह स्थान सिद्ध है। यहां आकर सर्पदंश से पीड़ित लोगों को राहत मिलती है।

सांप द्वारा कांटे गए व्यक्ति का मंत्रोच्चार से उपचार

Snake Court

सांप (Snake Court) के द्वारा काटने वाले व्यक्ति का यहां विशेष पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार कर उपचार किया जाता है। सांप के काटने वाले व्यक्ति का यहां विशेष पंडितों द्वारा उपचार किया जाता है। उन्होंने ग्रामीणों को यह विद्या सिखाई। साल में एक बार लगने वाली इस सर्प अदालत में सर्पदंश पीड़ितों का नि:शुल्क उपचार किया जाता है।

मंत्रोच्चार कर उपचार के बाद सर्पदंश (Snake Court) पीड़ितों को बंधेज नामक धागे से बांधा जाता है। दिवाली के दिन बंधेज पहने हुए पुरुष और महिलाएं सांपों की इस अनोखी सुनवाई में आते हैं। यहां के पंडित विशेष प्रकार के मंत्रोच्चार के साथ पीतल के गिलास पर उलटी पीतल की थाली बजाते हैं।

लोगों में आती हैं सांप की आत्मा

Snake Court

सांप (Snake Court) की आत्मा लोगों के अंदर प्रवेश कर जाती है अचानक सांप द्वारा काटे गए पुरुष या महिला का शरीर कांपने लगता है और अचानक सांप की आत्मा काटे गए व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करने लगती है। फिर इस दरबार में उससे सवाल-जवाब किए जाने लगते हैं। शरीर में प्रवेश कर चुके सांप से वादा लिया जाता है कि वह दोबारा नहीं काटेगा और न ही परेशान करेगा।

तब जाकर सांप और सर्पदंश के शिकार व्यक्ति को राहत मिलती है। दिलचस्प बात यह है कि इस अजीबोगरीब प्रक्रिया के बाद काटे गए व्यक्ति को काफी अच्छा महसूस होता है। 200 साल पुरानी है परंपरा इस सांप दरबार में गांव के ग्रामीण भी मदद करते हैं।

कैसे मिलती है इससे लोगों को लाभ

Snake Court

उनका मानना ​​है कि इस दरबार से लोगों को लाभ मिल रहा है। इस सांप दरबार (Snake Court) की पूरी विधि विशेष मंत्रों पर आधारित है। इस गांव में प्राचीन काल से ही हनुमान जी के मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ सांप के काटने वाले पीड़ितों का इलाज किया जाता रहा है। मंगलदास बाबा और हरिदास बाबा ने ग्रामीणों को सांप के काटने से रोकने का मंत्र सिखाया।  सांपों को मुक्ति अब यह काम गांव के नन्नू गिरी गोस्वामी कर रहे हैं।

दिवाली के दिन पवित्र पीतल की कसरी पर उलटी पीतल की थाली रखकर चंग बजाया जाता है। एक विशेष प्रकार का मंत्र गाया जाता है। सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति पर नीम के पत्तों के साथ सरसों के बीज फेंके जाते हैं। अचानक सांप उनके शरीर में प्रवेश कर जाता है। इस अनूठी परंपरा (Snake Court) को देखने के लिए सैकड़ों लोग पहुंचते हैं।

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