Rajasthan News : राजस्थान (Rajasthan News) के बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ के पाटन थाना क्षेत्र के मोहकमपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों ने 3 महीने की गर्भवती महिला की बिना जांच किए ही उसका नसबंदी ऑपरेशन कर दिया। यह पूरी घटना जनवरी महीने की बताई जा रही है।
मोहकमपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 45 वर्षीय महिला की तबीयत खराब हो गई और जब उसकी सोनोग्राफी की गई तो पता चला कि महिला गर्भवती है। उसका गर्भ 3 महीने का था।
3 महीने की गर्भवती की कर दी नसबंदी
दरअसल, नसबंदी से पहले महिला की प्रेग्नेंसी टेस्ट या मेडिकल जांच होनी चाहिए थी। लेकिन लापरवाही के चलते इस प्रक्रिया को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया। इससे महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों की जान खतरे में आ गई।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि जब वह अपने पति के साथ दर्द की शिकायत करने राजस्थान (Rajasthan News) के मोहकमपुरा सीएचसी पहुंची तो वहां मौजूद स्टाफ और डॉक्टर ने उसके साथ बदसलूकी की और उसे धमकाते हुए कहा कि अगर उसने उच्च अधिकारियों से शिकायत की तो अच्छा नहीं होगा।
सहायता राशि के लालच में कर दिया ऑपरेशन
राजस्थान (Rajasthan News) के अमलीपाड़ा निवासी पीड़िता ने पाटन थाने और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराकर जिम्मेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। पीड़िता ने बताया कि करीब 5 माह पहले रमीला नाम की महिला उसके पास आई और खुद को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बताया।
इसके बाद उसने कहा कि तुम्हारे पहले से चार बच्चे हो चुके हैं इसलिए नसबंदी करा लो। इसके लिए शासन से सहायता राशि भी मिलेगी।
बिना मेडिकल जांच के किया ऑपरेशन अब लटकेगी तलवार
नसबंदी ऑपरेशन के कुछ दिन बाद महिला की तबीयत खराब होने लगी तो वह डॉक्टर के पास गई। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि वह गर्भवती है। इसके बाद सोनोग्राफी कराई जिसमें गर्भ 28 सप्ताह एक दिन का बताया गया। रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2024 में ही गर्भ ठहर गया था। यानी ऑपरेशन के समय वह पहले से गर्भवती थी लेकिन बिना जांच के ऑपरेशन कर दिया गया।
यह गंभीर चिकित्सकीय लापरवाही है। इसमें कानूनी कार्रवाई हो सकती है। महिला के उचित दस्तावेज और सोनोग्राफी रिपोर्ट के आधार पर, यदि मामला अदालत में प्रमाणित होता है तो पीड़िता को एक लाख रुपये या उससे अधिक का मुआवजा मिल सकता है।
ब्लॉक CMHO दे दिया कार्यवाई का आश्वासन
यह मामला ना केवल मेडिकल लापरवाही का है। बल्कि मानवाधिकार उल्लंघन, महिलाओं की गरिमा और स्वास्थ्य से खिलवाड़ का गंभीर उदाहरण है। इस मामले पर राजस्थान (Rajasthan News) के ब्लॉक सीएमएचओ (छोटी सरवा) डॉ. गिरीश भाभोर ने कहा, ‘यह मामला हमारे संज्ञान में आया है। पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई गई थी। नसबंदी के लिए जिला स्तर से टीम आती है। ”
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