Himachal Pradesh : देश के कई हिस्सों में युवा नशे की लत का शिकार है। हर कोई किसी ना किसी तरीके का नशा करते है और अपनी जिन्दगी के साथ खेलते है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भी एक नशे के तौर पर खुशी की गोली मिलती है जिससे कई लोग नशे की लत में फंसे हुए है। कई परिवार तो ऐसे हैं जिनमें एक से अधिक लोग चिट्टे का सेवन कर रहे हैं, जबकि कई परिवारों ने चिट्टे के धंधे को पारिवारिक व्यवसाय बना लिया है।
हिमाचल प्रदेश में धड़ल्ले से बिक रहा नशा
पुलिस अधिकारियों के अनुसार युवा शुरुआत में शौक के तौर पर चिट्टे का सेवन करते हैं। लेकिन बाद में उन्हें इसकी लत लग जाती है। चिट्टे की खुराक पूरी करने के लिए वह कई तरीके के हथकंडे अपनाते है। इसके लिए घरों से गहने और नकदी चोरी करने के कई मामले सामने आ चुके हैं।
चिट्टे ने खुशहाल परिवारों को बर्बाद कर दिया है। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) पुलिस अधिकारियों के अनुसार ज्यादातर युवा मानसिक तनाव या साथियों के दबाव के कारण चिट्टे का सेवन शुरू करते हैं।
राज्य के 90 प्रतिशत युवा फंसे इस नशे में
चिट्टे की लत लगने के बाद हिमाचल प्रदेश के युवा तस्करी में शामिल हो जाते हैं। इसके चलते जिले के कई खुशहाल परिवारों की खुशियां गम में बदल गई हैं। चिट्टे की लत ना केवल युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर रही है, बल्कि उन्हें अपराध के दलदल में भी धकेल रही है। हिमाचल (Himachal Pradesh) पुलिस द्वारा चिट्टे की तस्करी के मामलों की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
पता चला है कि चिट्टे की लत में फंसे 90 फीसदी युवा नशे की तस्करी में भी शामिल हैं यानी युवा सफेद नशे की लत में फंसकर खुद की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं और साथ ही अपने आसपास के युवाओं और अपने परिचितों की जिंदगी भी बर्बाद कर रहे हैं।
सोने से भी ज्यादा महंगा है यह चिट्टा नशा
यह नशा एक गंभीर लत है और महंगा भी है। एक बार कोई भी युवा इस नशे का आदी हो जाता है तो वह अपनी लत को पूरा करने के लिए अपने आसपास के युवाओं को भी इसका आदी बना रहा है। इतना ही नहीं, कई युवा पंजाब समेत पड़ोसी राज्यों से कम दामों पर नशा खरीदकर बेचकर भी अपनी लत को पूरा कर रहे हैं। सफेद दिखने वाला पाउडर, जिसकी एक ग्राम की कीमत करीब 6000 रुपये है।
हिमाचल में हजारों मामले है चिट्टा नशे के
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के डीजीपी सीता राम मरढ़ी ने पुष्टि करते हुए कहा, “ड्रग डीलरों के लिए पैसा कमाना सबसे आसान धंधा बन गया है।” जून 2023 तक 1 हजार 230 मामलों में से सबसे ज्यादा 628 मामले चिट्टा तस्करी के हैं। चिट्टा तस्करी में सबसे ज्यादा लोग गिरफ्तार हो रहे हैं।
आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा चिट्टा के मामले शिमला जिले में पकड़े गए हैं। शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि पुलिस ने महज छह महीने में करीब 300 मामले दर्ज किए हैं। इन मामलों में 400 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
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