Urine: पुणे की एक महिला ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो पोस्ट किया है, जिसे देखकर लोग हैरान, गुस्सा और घृणा से भर गए हैं। इस महिला ने खुद को दवा-मुक्त जीवन कोच कहती हैं. उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि वह हर सुबह अपने मूत्र (Urine) से अपनी आँखें धोती हैं. जो वीडियो सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा वायरल हो रहा है.
वीडियो में क्या दिखा?
Please don't put your urine inside your eyes. Urine is not sterile.
Boomer aunties trying to be cool on Instagram is depressing…and terrifying.
Source: https://t.co/SQ5cmpSOfY pic.twitter.com/qgryL9YHfI
— TheLiverDoc (@theliverdr) June 25, 2025
इस वायरल वीडियो में आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि इस महिला का नाम नुपुर पित्ती है. नुपुर के मुताबिक, वह सुबह के ताजे मूत्र (Urine) के बीच वाले हिस्से का इस्तेमाल करती हैं और आंखों की पलकों के जरिए उससे आंखें धोती हैं, जिससे आंखों का सूखापन, जलन और लालिमा जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. उनका दावा है कि यह चिकित्सा की एक प्राकृतिक और वैकल्पिक पद्धति है और वह लंबे समय से इसका पालन कर रही हैं।
इस वीडियो को 24 घंटे के अंदर 1.5 लाख से ज़्यादा व्यूज़ मिल गए. लेकिन इसके साथ ही इंटरनेट पर भारी आलोचना और नफ़रत की लहर दौड़ गई. कई लोगों ने कमेंट में लिखा कि ये वीडियो न सिर्फ़ ग़लत है बल्कि ख़तरनाक भी है. कई लोगों ने नुपुर को तुरंत मेडिकल मदद लेने की सलाह दी.
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भड़के यूज़र्स ने किए कमेंट्स
बता दें की इस वीडियो को देखने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. एक यूज़र्स ने लिखा ‘मूत्र (Urine) शरीर का अपशिष्ट है, इसमें बैक्टीरिया होते हैं और आप इससे अपनी आंखें धो रहे हैं?’ एक अन्य यूजर ने मजाक उड़ाते हुए कहा ‘मूत्र के नशे में।’ हालांकि अब नूपुर ने इस वीडियो को हटा दिया है और मूत्र की जगह त्रिफला डाला है।
आँखों में यूरिन डालना कितना खतरनाक?
इस मुद्दे पर प्रसिद्ध हेपेटोस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ. री सियाक एबी फिलिप्स ने भी इस वीडियो की आलोचना की और लिखा, “कृपया अपनी आंखों में मूत्र (Urine) न डालें। मूत्र बाँझ नहीं होता।” उन्होंने कहा कि यह चलन निराशाजनक और खोखला है। उन्होंने नुपुर के इंस्टाग्राम पर भी कमेंट किया, “आपको मदद की ज़रूरत है. यह सामान्य व्यवहार नहीं है. अगर आप सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स पाने के लिए ऐसा कर रहे हैं, तो यह तरीका बिल्कुल गलत है.” आपको बता दें कि डॉक्टर को इंटरनेट पर “दलिवरडॉक” के नाम से जाना जाता है.
डॉक्टरों के अनुसार, मानव मूत्र 95% पानी से बना होता है और बाकी यूरिया, क्रिएटिनिन, अमोनिया, लवण और शरीर से निकाले गए हानिकारक तत्वों से बना होता है। इसमें ड्रग्स, हार्मोन और रक्त से निकलने वाले विषैले तत्वों के अंश भी हो सकते हैं। आँखों की झिल्ली बहुत संवेदनशील होती है।
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