Hapur News : यूपी के हापुड़ (Hapur News) से एक शर्मनाक हरकत का मामला सामने आया है। जहां पर डॉक्टर्स ने बिलकुल भी रहमत नहीं दिखाई और एक पांच साल की बेटी को मरने पर मजबूर कर दिया। वहीं उस बेटी ने तड़पते हुए अपने पिता के सामने ही दम तोड़ दिया।
वहीं पिता भी लाचार हालत में पैसों के तंगी की चलते उसका इलाज नहीं करा पाया। जब मामला सामने आया तो लोगों का उस अस्पताल के खिलाफ रोष उत्पन्न हुआ है।
अस्पताल की लापरवाही से मासूम ने गंवाई जान
बता दें पूरा मामला हापुड़ (Hapur News) के सरस्वती मेडिकल कॉलेज का बताया जा रहा है। जहां पर एक पिता के पास अपनी बेटी के इलाज के लिए पैसे नहीं थे तो डॉक्टर्स ने उसका इलाज करने से मना कर दिया और इतना ही नहीं इलाज नहीं मिल पाने से उस पांच साल की बेटी ने वहीं दम तोड़ दिया। सुबह जब खबर फैली तो अस्पताल वालों ने भी फजीहत से बचने के लिए बयान देने से परहेज किया।
20 हजार की कमी से मासूम की मौत
जानकारी के मुताबिक मृत बच्ची अमरीन पिलखुवा में नेशनल हाईवे-9 पर स्थित हापुड़ (Hapur News) के सरस्वती अस्पताल में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर अनवर और मौसमी की बेटी थी। परिजनों का कहना है कि 20 जून को जब अमरीन की तबीयत खराब हुई तो उसे अस्पताल ले जाया गया।
जहां डॉक्टर ने इलाज के लिए 20 हजार रुपये मांगे। परिजनों का आरोप है कि जब पैसे नहीं मिले तो डॉक्टरों ने बच्ची को सरकारी अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इलाज में देरी होने के कारण अमरीन ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
पिता की विनती पर डॉक्टर्स को नहीं आया रहम
अनवर ने बताया कि वह अपनी बेटी के इलाज के लिए हाथ जोड़कर विनती करता रहा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इलाज के अभाव में बच्ची तड़पती रही और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। मासूम की मौत के बाद मजदूर परिवार बेसुध हो गया। सुबह जानकारी होने पर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंची और पीड़िता से पूछताछ कर लौट गई।
उधर, हापुड़ (Hapur News) के अस्पताल प्रबंधन बयान देने से बचता रहा। अस्पताल प्रबंधन कह रहा है कि कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं है और सोमवार को मामले में लिखित स्पष्टीकरण देगा।
अस्पताल में अनवर था मजदूर
जानकारी के मुताबिक अनवर के पास आयुष्मान कार्ड नहीं था और ना ही पैसे थे। हालांकि अस्पताल की संवेदनहीनता से लोगों में गुस्सा है। बताया गया कि अस्पताल परिसर में ही अनवर मजदूरी कर रहा था। अनवर भी एक ठेकेदार के माध्यम से यहां पहुंचा और पत्नी के साथ मेहनत मजदूरी करने लगा।
बड़ी बात यह है कि कर्मचारियों को अपने ही परिसर में काम कर रहे मजदूर दंपती पर दया नहीं आई। जबकि बाद में बच्ची का इलाज कराकर दंपती से पैसे वसूले जा सकते थे।
मामला बढ़ने पर CMO ने दिए जांच के आदेश
इधर, मामले को गंभीरता से लेते हुए हापुड़ (Hapur News) के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील त्यागी ने जांच के आदेश दिए हैं। डॉ. त्यागी ने बताया कि मामले की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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