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Opened a small dosa cafe without MBA and restaurant experience

Dosa: क्या आपने कभी सोचा है कि आपका शौक आपके लिए करोड़ों कमाने का ज़रिया बन सकता है? सपने तो ज़्यादातर लोग देखते हैं, लेकिन कुछ ही उसे हकीकत बना पाते हैं. ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी मुंबई के अखिल अय्यर और श्रेया नारायणन की है, जिन्होंने डोसा (Dosa) खाने के अपने शौक को व्यवसाय में बदल दिया और आज उनका कैफे हर महीने लगभग 1 करोड़ रुपये कमाता है.

जॉब छोड़ शुरू किया बिजनेस

शादी के बाद जब अखिल और श्रेया मुंबई आए, तो उन्हें सबसे ज़्यादा दावणगेरे स्टाइल का डोसा याद आया. यह मक्खनी और कुरकुरा डोसा (Dosa) कर्नाटक में उनका पसंदीदा था, लेकिन काफ़ी ढूँढ़ने के बाद भी उन्हें मुंबई में कहीं वैसा डोसा नहीं मिला. निराश होने के बजाय, दोनों ने सोचा कि अगर उन्हें असली डोसा नहीं मिल रहा, तो क्यों न अपना खुद का डोसा शुरू किया जाए? अखिल और श्रेया ने अपनी हाई-प्रोफाइल नौकरियां छोड़ दीं और एक कैफ़े खोलने का सपना देखा. उनके पास आतिथ्य का कोई अनुभव नहीं था, न ही एमबीए की डिग्री थी, न ही कोई बड़ा निवेशक था – केवल जुनून और थोड़ी सी पूंजी थी.

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मेहनत और लग्न से कमाया नाम

Dosa
Dosa

दोनों ने महीनों तक डोसा (Dosa) का घोल बनाने के प्रयोग किए. वे बार-बार असफल रहे, लेकिन हार नहीं मानी. चटनी के स्वाद के साथ भी वे कई बार असफल रहे. उन्होंने कर्नाटक से ख़ास तौर पर कच्चे लोहे के तवे मँगवाए ताकि डोसे में वैसा ही कुरकुरापन और स्वाद आए जैसा घर पर मिलता था. आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने “बेने” नाम से एक छोटा सा 12-सीटर कैफ़े खोला.

न कोई बड़ा मेन्यू था, न कोई आकर्षक सजावट – बस असली डोसा और चटनी। ग्राहकों का रिस्पांस इतना ज़बरदस्त था कि लोग तुरंत लाइन में लग गए. आज यह कैफे रोजाना 800 से अधिक डोसा बेचता है, जिसकी कीमत 250-300 रुपये है.

जानें कैसे हुए फेमस

बेन्ने सिर्फ़ आम लोगों का ही नहीं, बल्कि मशहूर हस्तियों का भी पसंदीदा बन गया. 2024 में विराट कोहली और अनुष्का शर्मा यहाँ आकर डोसा (Dosa) खा चुके हैं. जब बांद्रा वाला कैफ़े सुपरहिट हुआ, तो अखिल और श्रेया ने जुहू में दूसरा आउटलेट खोला. अखिल और श्रेया की कहानी हमें बताती है कि अगर लगन और कड़ी मेहनत हो, तो बिना किसी बड़े निवेश और डिग्री के भी सपने हकीकत बन सकते हैं। उनके लिए, डोसा सिर्फ़ एक खाना नहीं, बल्कि एक प्यार है जिसने उनकी ज़िंदगी बदल दी।

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