Indian Crickter : खेल सिर्फ मेहनत जुनून का मेल ही नहीं है बल्कि किस्मत का भी है. क्रिकेटर का हुनर उनके बल्ले और गेंद से झलकता है. लेकिन सच ये भी है कि आम इंसान ही नहीं बल्कि हर एक खिलाड़ी भी लकी चार्म में विश्वास रखता है. कोई लकी जर्सी पहनता है तो कोई अपने गुरू की तस्वीर अपनी जेब में रखता है. आइए तो आगे जानते हैं ऐसे ही 5 भारतीय खिलाड़ियों (Indian Crickter) के बारे में जिन्होंने अपने लकी चार्म बनाए हैं….
1. सचिन तेंदुलकर
क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर (Indian Crickter) भी अंधविश्वास से अछूते नहीं हैं. अपनी क्लासिक बैटिंग स्टाइल के बावजूद मास्टर ब्लास्टर का मानना था कि अगर वह दाएँ पैड से पहले बायाँ पैड पहनें, तो मैदान पर उन्हें भाग्य का साथ जरूर मिलेगा. इतना ही नहीं 2011 वर्ल्ड कप में वह अपनी लकी बैट लेकर ही मैदान में खेलने के लिए उतरे थे. क्योंकि इस टूर्नामेंट में खेलने का सपना उन्होंने बचपन से देखा था.
2. विराट कोहली
मॉर्डन पीढ़ी के विराट कोहली (Indian Crickter) भी अंधविश्वास से दूर नहीं हैं. वह अपने करियर की शुरूआत से ही वही ग्लव्स पहनते थे, जिनके साथ उन्होंने रन बनाने शुरू किए थे. उनका मानना है कि, इन्हें ग्लव्स की वजह से उन्हें मैदान में आत्मविश्वास दिया और उन्होंने शानदार प्रर्दशन किया. लेकिन बीतते वक्त के साथ किंग कोहली को एहसास हुआ कि असली लकी चार्म उनका टैलेट और फिटनेस है. वहीं, अब विराट अपने गले में सगाई की अंगूठी पहनते हैं जिसे वह हर मैच में फिफ्टी और सेंचुरी जड़ने के बाद चूमते हैं.
3. युवराज सिंह
भारतीय टीम का सितारा युवराज सिंह (Indian Crickter) की जर्सी का नंबर वही है जिस दिन उनका जन्मदिन होता है. 12 दिसंबर को जन्मे युवी अपने हाथ पर काले रंग का धागा भी बांधते हैं. जिस वजह से वह मैदान पर जब भी उतरते हैं अपने बल्ले से धमाका करते थे.
4. सौरव गांगुली
प्रिंस ऑफ कोलकाता सौरव गांगुली (Indian Crickter) अपने जेब में हमेशा अपने गुरू की एक तस्वीर रखते हैं. जब भी वह मैदान पर उतरते थे तो बल्ले के साथ वह अपने गुरू की तस्वीर जेब में रखना नहीं भूलते थे. दादा का मानना था कि इससे उन्हें विपक्षी टीम के खिलाफ रन बनाने में मदद मिलती है. इसके अलावा वह अंगूठियाँ और मालाएँ भी पहनते थे जिन्हें वह भाग्यशाली मानते थे.
5. एमएस धोनी
कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी (Indian Crickter) का सबसे बड़ा लकी चार्म उनकी जर्सी का नंबर रहा है. उनका जन्मदिन 7 जुलाई को आता है, और यही कारण है कि उनकी जर्सी पर हमेशा नंबर 7 ही रहता था. मज़ेदार बात यह है कि धोनी के बचपन के घर का नंबर भी 7 ही था. धीरे-धीरे यह अंक उनकी पहचान बन गया. इतना कि आज फैंस जब भी “नंबर 7” सुनते हैं, तो सबसे पहले याद आता है धोनी का नाम.
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