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गीता को जिहाद बताने वाले शिवराज पाटिल कौन थे? 90 की उम्र में हुआ निधन

Geeta Ko Jihaad Btane Wale Shivraj Patil Kaun The? 90 Ki Umr Me Hua Nidhan
geeta ko jihaad btane wale Shivraj Patil kaun the? 90 ki umr me hua nidhan

Shivraj Patil: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल (Shivraj Patil) का 12 दिसंबर शुक्रवार 2025 को लातूर में 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। आपको बता दें, पाटिल भारतीय राजनीति का एक बड़ा नाम थे, जिन्होंने लगभग चार दशकों तक देश की सेवा की। वे अपने शांत स्वभाव, सादगी और संगठन के प्रति निष्ठा के लिए जाने जाते थे। महाराष्ट्र के लातूर जिले के चाकुर गांव में जन्मे पाटिल ने छात्र राजनीति से लेकर राष्ट्रीय राजनीति तक खुद को स्थापित किया। वे लातूर लोकसभा सीट से सात बार सांसद बने और केंद्र में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।

कुछ ऐसा रहा राजनीतिक करियर

Shivraj Patil
Shivraj Patil

शिवराज पाटिल (Shivraj Patil) के राजनीतिक करियर की बात करें तो। वे लोकसभा अध्यक्ष, रक्षा राज्य मंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, और बाद में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक भी रहे। लेकिन उनका सबसे विवादित कार्यकाल 2004 से 2008 के बीच गृह मंत्री के रूप में रहा। इसी दौरान देश में कई बड़े आतंकी हमले हुए और सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठे। नवंबर 2008 में हुए मुंबई 26/11 हमलों के बाद उन पर भारी आलोचना हुई और उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

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भागवत गीता को लेकर दिया विवादित बयान

शिवराज पाटिल (Shivraj Patil) अपने एक विवादित बयान को लेकर भी लंबे समय तक चर्चा में रहे। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि जिहाद की अवधारणा केवल इस्लाम तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उल्लेख भगवद गीता और ईसाई धर्म की शिक्षाओं में भी किसी न किसी रूप में मिलता है। उन्होंने कहा था कि गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को अन्याय के खिलाफ संघर्ष के लिए प्रेरित किया, जिसे वे “जिहाद” की तरह एक धार्मिक कर्तव्य के रूप में समझते हैं। इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएँ हुईं। भाजपा ने इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया, जबकि कांग्रेस ने इसे पाटिल की व्यक्तिगत व्याख्या करार दिया।

ऐसे विवादों के बावजूद शिवराज पाटिल को एक अनुशासनप्रिय और साफ-सुथरी छवि वाले नेता के रूप में देखा जाता रहा। वे कांग्रेस के सबसे वफादार नेताओं में गिने जाते थे और पार्टी के अंदर उनका सम्मान काफी था। सार्वजनिक जीवन में उनकी शैली संयमित, प्रोटोकॉल-अनुरूप और मर्यादित व्यवहार वाली रही। वे हमेशा राजनीतिक सौहार्द और शालीन भाषा के पक्षधर रहे।

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Kamakhya Reley is a journalist with 3 years of experience covering politics, entertainment, and sports. She is currently writes for HindNow website, delivering sharp and engaging stories that connect with...