कहते है परिस्थितियां अपने आगे अच्छे-अच्छों को झुका देती है, फिर चाहे वो कोई बड़ी हस्ती हो या कोई साधारण इंसान. जबलपुर की रहने वाली संध्या कटनी स्टेशन पर कुली का काम करती है. साल 2017 में अपने पति को खो देने के बाद संध्या को मजबूरी वश लोगों का वजन उठाना पड़ रहा है. लेकिन उन्हें इस बात की कोई शर्म नहीं है की वो एक महिला होकर कुली का काम कर रही है, उनका कहना है में ये काम गर्व से करती हूं लेकिन हारी नहीं हूं.
‘कुली नंबर 36 हूं इज्जत का खाती हूं’
दरअसल 31 साल की संध्या के पति का निधन एक बीमारी के चलते हो गया था, जिसके बाद उनके उपर उनके घर की जिम्मेदारी आ गयी. अब ऐसी स्थिति में उन्हें नौकरी की आवश्यकता थी. वहीं नौकरी की तलाश करते हुए उन्हें जानकारी हुयी की कटनी स्टेशन में कुली की जरुरत है, जिसके बाद उन्होंने बिना किसी देर के तुरंत नौकरी जॉइन कर ली. और तब से लेकर आज तक संध्या बिना किसी शर्म के अपनी नौकरी को पूरी जिम्मेदारी से निभाती है.
हालाँकि उनके लिए ये नौकरी करना आसान नहीं था, संध्या को रोजाना 90 किलोमीटर दूर सफर करना पड़ता है. संध्या कटनी में 45 मर्दों के बीच अकेली महिला है जो कुली का काम करती है. जब भी वो स्टेशन पर वजन लेकर निकलती है तो लोग हैरान होनें के साथ उनकी जमकर तारीफ करने से नहीं थकते.
अपने काम पर गर्व करने वाली संध्या कहती है, ”ले ही मेरे सपने टूटे हैं, लेकिन हौसले अभी जिंदा है. जिंदगी ने मुझसे मेरा हमसफर छीन लिया, लेकिन अब बच्चों को पढ़ा लिखाकर फौज में अफसर बनाना मेरा सपना है. इसके लिए मैं किसी के आगे हाथ नहीं फैलाऊंगी. कुली नंबर 36 हूं और इज्जत का खाती हूं”
बच्चो को पालने के लिए करना पड़ा कुली का काम
संध्या के पति के मरने के बाद उनके घर में 3 बच्चो और सास की जिम्मेदारी उनके सर पर आ गयी थी. इसलिए उन्होंने हिम्मत ना हारते हुए जो काम सबसे पहले मिला उसे करना शुरू कर दिया. संध्या ने अपनी कहानी बताते हुए कहा,
”मैं अपने पति के साथ यहीं कटनी में रहती थी.हमारे तीन बच्चे हैं,मेरे पति लंबे समय से बीमार चल रहे थे. 22 अक्टूबर 2016 को उन्होंने अंतिम सांस ली. बीमारी के बावजूद वे मजदूरी कर घर का खर्च चलाते थे. उनके बाद मेरे ऊपर सास और अपने तीन बच्चों की जिम्मेदारी आ गई. ऐसे में मुझे जो नौकरी मिली, मैंने कर ली.”
रोते हुए बतायी अपनी दास्ताँ
संध्या ने रोते हुए अपनी दास्ताँ बताते हुए कहा,
”मैं नौकरी की तलाश में थी. किसी ने मुझे बताया कि कटनी रेलवे स्टेशन पर कुली की जरूरत है। मैंने तुरंत अप्लाई कर दिया. मैं यहां 45 पुरुष कुलियों के साथ काम करती हूं। पिछले साल ही मुझे बिल्ला नंबर 36 मिला है”