एक ही घर की 8 लड़कियों ने रौशन किया पूरे गांव का नाम

आजकल लड़कियों ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना ली है। कहते है अगर किसी चीज़ को करने की लगन हो तो हर मंजिल संभव है। यह 21वीं सदी नारी सशक्तिकरण की सदी है। आज बेटियां अपने हौसलों को उड़ान दे रही है। पिंजरों में कैद नहीं है.. यदि देश के कुछ जगहों में कैद हैं भी तो वे पिंजरा तोड़कर उड़ने का हुनर जान गई हैं। बताते है आज आपको ऐसी ही एक कहानी एक ही घर के 8 बेटियों है जो नेशनल प्लेयर हैं।

एथलेटिक्स में बनाई अपनी पहचान

राजस्थान के चुरू जिले के एक गांव की है जहां के बेटियों ने कमाल कर दिखाया है। ये बेटियां चौधरी परिवार से ताल्लुख रखती हैं। इन 8 लड़कियों ने एथलेटिक्स में अपनी पहचान बनाई है। ये 8 बेटियां एक ही परिवार के 3 भाइयों की बेटी हैं। इन्होंने अपने खेत को खेल का मैदान बनाया, जहां इन लोगों ने कठिन परिश्रम किया और परिवार के साथ-साथ गांव का नाम भी रौशन किया। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि इन बेटियों के कारण हम अपने गांव पर गर्व करतें हैं। इन्होंने यह भी बताया कि हमारे गांव में चौधरी परिवार एक ऐसा परिवार है जिस परिवार की 8 बेटियों ने एथेलेटिक्स में नाम कमाकर सभी लड़कियों का मनोबल बढ़ाया है। अब ज्यादा से ज्यादा लड़कियां गवर्नमेंट जॉब ज्वॉइन कर समाजसेवा कर रही है।

30 गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं सरोज

एक ही घर की 8 लड़कियों ने रौशन किया पूरे गांव का नाम

पिता देवकरण चौधरी जी खेती करने के साथ भेड़-बकरियों को भी चराते हैं। इनकी बेटी का नाम सरोज है। सरोज पोस्ट ग्रेजुएट हैं। इन्होंने स्टेट लेवल के कम्पटीशन में 30 से ज्यादा संख्या में गोल्ड मेडल जीता है। खेलों में वह लगभग 10 वर्षों से सक्रिय हैं। ऐसा नहीं है कि सरोज अब परिवार सम्भाल रहीं हैं बल्कि राजस्थान में पुलिस कांस्टेबल लोगों का ख्याल रख रहीं हैं।

राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स हैं सुमन

एक ही घर की 8 लड़कियों ने रौशन किया पूरे गांव का नाम

सुमन चौधरी भी देवकरण जी की सुपुत्री हैं। यह सरोज से बड़ी हैं। इन्होंने एमए प्रवेश तक की शिक्षा ग्रहण किया है। सरोज राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स में अपने हुनर को दिखा चुकी हैं।

6 बार स्टेट लेवल पर मेडल जीत चुकीं है कमलेश

एक ही घर की 8 लड़कियों ने रौशन किया पूरे गांव का नाम

कमलेश चौधरी भी देवकरण जी की बेटी है। इन्होंने ग्रेजुएशन किया है। कमलेश स्टेट और नेशनल लेवल की प्लेयर रह चुकी हैं। इन्होंने स्टेट लेवल पर 6 बार मेडल जीतकर अपने परिवार नाम रौशन किया है। अब यह पुलिस कांस्टेबल के पद पर अपना कार्य संभाल रहीं हैं।

सीआईडी सीबी में कांस्टेबल है कैलाश कुमारी

एक ही घर की 8 लड़कियों ने रौशन किया पूरे गांव का नाम

शिशुपाल चौधरी की बेटी है कैलाश इन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। कैलाश भी अपनी बहनों की तरह राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी हैं। अब वह सीआईडी सीबी में कांस्टेबल के रूप में अपना कार्यभार संभाल रहीं हैं।

पुलिस कांस्टेबल हैं सुदेश

एक ही घर की 8 लड़कियों ने रौशन किया पूरे गांव का नाम

शिशुपाल जी की पुत्री सुदेश और ग्रेजुएट हैं। सुदेश भी अपने बहनों से कम नहीं हैं। यह भी स्टेट लेवल पर एथलेटिक्स के कम्पटीशन में हिस्सा ले चुकी हैं। इस समय में पुलिस कांस्टेबल हैं।

20 पदक जीत चुकी हैं निशा

एक ही घर की 8 लड़कियों ने रौशन किया पूरे गांव का नाम

शिशुपाल जी की पुत्री निशा हैं। इन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल किया है। इन्होंने भी राष्ट्रीय स्तर के कम्पटीशन में भाग लिया है। इतना ही नहीं निशा स्टेट लेवल पर 20 पदक अपने नाम कर चुकी हैं।

5 मेडल जीती चुकी हैं पूजा

एक ही घर की 8 लड़कियों ने रौशन किया पूरे गांव का नाम

पूजा शिशुपाल जी की सुपुत्री है। इन्होंने भी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। पूजा भी स्टेट लेवल पर 5 मेडल जीत चुकी हैं।

आरएसी में कांस्टेबल हैं सुमित्रा

एक ही घर की 8 लड़कियों ने रौशन किया पूरे गांव का नाम

सुमित्रा रामस्वरूप जी की सुपुत्री है। इन्होंने बीएड किया है और यह भी स्टेट लेवल पर खेल चुकी हैं, 2 पदक भी जीतें हैं। सुमित्रा आरएसी में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं।