Hasan Ali (हसन अली)
Hasan Ali (हसन अली)

पाकिस्तान की लोकप्रिय लीग 2022 के लिए खिलाड़ियों की सूचि जारी कर दिया है । इसी को लेकर लाहौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जहां एक रिपोर्टर द्वारा सवाल का पाकिस्तान के गेंदबाज Hasan Ali (हसन अली) ने जवाब देने से इनकार कर दिया। देखते हे देखते दोनों में काफी बहस शुरू हो गया और ये पाकिस्तान बोर्ड  के लिए फजीहत बन गया ये प्रेस कॉन्फ्रेंस।

क्या था पुरा मामला

दरअसल, Hasan Ali (हसन अली) मीडिया से बात कर रहे थे, इसी दौरान एक रिपोर्टर जिनका नाम अनस सईद है उन्होंने सवाल किया, जिसका पाकिस्तान के गेंदबाज हसन अली ने जवाब देने से मना कर दिया।  पत्रकार अनस सईद के सवालों का सुनने से मना कर दिया और अगला सवाल लेने लगे। हसन अली के इस हरकत पर पत्रकार ने अपनी नाराजगी जाहिर कीया और ट्वीटर पर एक पोस्ट भी शेयर किया। मामला तब तुल पकड़ लिया जब हसन अली रिपोर्टर से कहने लगे कि पहले आप ट्विटर पर अच्छी-अच्छी चीजें लिखें और फिर मैं आपको जवाब दूंगा। आपको किसी के साथ पर्सनल नहीं होना चाहिए।  उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड आपको नहीं रोक सकता, लेकिन आप किसी खिलाड़ी के साथ ऐसा नहीं कर सकते। इस दौरान कुछ समय के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहमा गहमी का माहौल हो गया। बाद में  इस्लामाबाद यूनाइटेड के अधिकारियों ने हस्तक्षेप करने पर माहौल को शांत किया गया।  इसी घटना का वीडियो अनस सईद ने अपने ट्वीटर हैंडल पर रिट्वीट किया है।

Hasan Ali (हसन अली) का विवादों से पुराना नाता है

Hasan Ali (हसन अली)
Hasan Ali (हसन अली)

पिछले महीने हुए वर्ल्ड टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज मैथ्यू हेड का कैच छोड़ दिया था। जिसके बाद उन्होंने पाकिस्तान के मुँह से जीत छीन लिया था।  उसके बाद से ही Hasan Ali (हसन अली) का पुरे पाकिस्तान में काफी आलोचना हुआ था। हसन अली ने वाघा बॉर्डर पर भी एक गलती किया था दरअसल,वाघा बॉर्डर पर  21 अप्रैल, 2018 को हो रहे एक कार्यक्रम में वो गए थे  वही हसन अली ने उत्सुकता आपत्तिजनक हरकत की। खुद को तीस मार खां साबित करने के लिए  वो आगे बढ़े और ज़ीरो लाइन के पास जाकर, भारतीय जवानों की ओर देखते हुए उन्हें उकसाने की कोशिस करने लगे। हसन अली की इस हरक़त की बीएसएएफ ने कड़ी निंदा की और पाकिस्तान रेंजर्स से उनकी  शिकायत भी किया।  हसन अली  की इस हरकत की सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी आलोचना हुई।