Vodafone Idea

वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) में अब भारतीय सरकार की भी हिस्सेदारी हो गयी है. जी हाँ, वोडाफोन पर काफी कर्ज होने के बाद से ही यह कयास लगाया जा रहा था की कंपनी के तो अपना कामकाज बंद कर देगी. लेकिन उपभोक्ताओं का क्या होगा क्या भारतीय सरकार कोई कदम उठाएगी?

रिपोर्ट के मुताबिक, सारकार की Vodafone Idea में अपनी हिस्सेदारी के फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया में सबसे बड़ी हिस्सेदारी सरकार के पास होगी. उसके बाद Vodafone Group Plc की हिस्सेदारी 28.5 फीसदी, आदित्य बिड़ला ग्रुप की हिस्सेदारी 17.8 फीसदी होगी.

सरकार ने हाल ही में वोडाफोन आइडिया के यूजर्स को एक अच्छी खुशखबरी देते हुए यह अहम् फैसला लिया है.  सरकार ने स्पेक्ट्रम चार्जेज और AGR बकाए के भुगतान के लिए 4 सालों का मोराटोरियम दिया. अगर कंपनी चाहती है कि इंट्रेस्ट का हिस्सा इक्विटी में कंवर्ट कर दिया जाए तो सरकार ने इसकी भी मंजूरी दी थी. सरकार के इसी फैसले के तहत वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के बोर्ड ने ड्यू को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है.

16 करोड़ से ज्यादा का कर्ज

Vodafone Idea

रिपोर्ट्स की माने तो Vodafone Idea पर कर्ज का इंटरेस्ट वैल्यू  कुल मिलाकर 16 करोड़ रुपए के आस-पास है. अभी के लिए DoT ने इस फैसले की मंजूरी नहीं दी है लेकिन यह सुनिश्चित किया गया है की गवर्मेंट को 10 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से इक्विटी ट्रांसफर किया जाएगा.

हाल ही में भारतीय सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों पर बढ़ रहे कर्ज की वजह से उन्हें स्पेक्ट्रम की कुल राशी के बकाये रकम के ब्याज को इक्विटी में बदलने का विकल्प दिया था. एयरटेल ने सरकार के इस ऑफर को स्वीकार नहीं किया लेकिन Vodafone Idea बकाये ब्याज के रकम को इक्विटी में बदलने को तैयार हो गई है. माना जा रहा है कि जल्द बड़े हिस्सेदारी होने के चलते सरकार कंपनी में अपना डॉयरेकटर्स नियुक्त करेगी.

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