WWWWWWW….पिता ने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए रोजाना 20 घंटे चलाई टैक्सी, Abrar Ahmed ने डेब्यू मैच में मौका मिलते ही मचाया तहलका∼
PAK vs ENG: पाकिस्तान इन दिनों इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेल रहा है। जहां दोनों टीमों के बीच खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में पाक टीम ने पांच विकेट से शानदार जीत हासिल की। मुल्तान में खेले गए दूसरे टेस्ट के पहले सेशन अबरार अहमद (Abrar Ahmed) के नाम रहा। उन्होंने अपनी गेंदबाजी से मेजबान टीम को ऐसा घुमाया की सभी देखते रह गए। उन्होंने इस मुकाबले में अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया।
इंटरनेशनल डेब्यू कर रहे लेग स्पिनर अबरार अहमद (Abrar Ahmed) ने इस मैच में 7 विकेट झटके। उनकी गेंदबाजी की फिरकी ने सभी को हैरात में डाल दिया है। हालांकि उनके लिए यहां तक पहुंचना बिल्कुल आसान नहीं था। चलिए तो इस लेख के जरिये अहमद के सफर के बारे में जानते हैं…..
Abrar Ahmed को बचपन से ही था क्रिकेट का शौक

दरअसल अकेले के दम पर इंग्लैंड की पूरी टीम को बिखेरने वाले अबरार अहमद (Abrar Ahmed) को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। उनके पिता भी क्रिकेट के खेल के बहुत बड़े फैन थे। वहीं, अबरार के बड़े भाई पहले से ही घरेलू क्रिकेट में खेलते थे। इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, महज 6 साल की उम्र में ही अबरार गेंदबाजी का अभ्यास करने लगे थे। बता दें कि एक बार मुल्तान के मैदान पर भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाज सहवाग की तूफानी पारी देखने के बाद अबरार का इस खेल के प्रति और ज्यादा रूझान बढ़ गया था और धीरे – धीरे वह गेंदबाजी को भी समझने लगे थे।
मुश्किल समय में बीता क्रिकेटर का बचपन

बता दें कि अबरार (Abrar Ahmed) के पिता जहां उन्हें एक क्रिकेटर बनाना चाहते थे तो वहीं उनकी मां आलिम बनाना चाहती थी। इसलिए उन्होंने महज 9 साल की उम्र से ही हिफ्ज (कुरान याद करना) पढ़ना शुरू कर दिया। इस दौरान वह दो साल के लिए क्रिकेट से भी दूर हो गए थे। लेकिन उनके मन में से अब भी क्रिकेट दूर नहीं हुआ था। इसके बाद उनकी मां ने एक दिन अबरार से कहा की वह आगे इस्लामिक साइंस की पढ़ाई करें। हालांकि उन्होंने इस बार अपनी मां से कहा कि, वह एक आलिम नहीं बल्कि क्रिकेटर बनना चाहते हैं। यह पहला मौका था जब इस गेंदबाज ने अपनी मां को किसी बात के लिए इनकार किया था।
अंडर-19 में मौका मिलते ही हासिल किए 53 विकेट

हालांकि समय के साथ अबरार (Abrar Ahmed) के परिवार ने समझा की वह एक क्रिकेटर बनना चाहते हैं। वहीं, साल 2016 में उन्होंने अंडर-19 में मौका मिलते ही 53 विकेट झटके। इसके बाद उन्होंने कराची किंग्स में खेलने का मौका मिला। हालांकि उनके शुरू के दौर में एक ऐसी घटना घटी जिसकी वजह से अबरार का करियर दो साल के लिए थम गया। बता दें कि पीएसएल में ही उन्हें फ्रैक्चर हुआ। जिसके वजह से पाक का यह गेंदबाज दो सालों तक मैदान से दूर हो गए।
इस मुश्किल समय में अबरार के पिता ने रोजाना 20 घंटे टैक्सी चलाकर अपने परिवार को पाला। वहीं, कुछ समय अपनी चोट से लड़ने के बाद पाकिस्तान के इस गेंदबाज ने कायद-ए-आजम के साथ वापसी की और फिर सीनियर टीम अपनी जगह बनाई और तब से लेकर आज तक उन्होंने उसके बाद कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
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