Ajinkya Rahane: इंडियन टेस्ट टीम ने अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने साल 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज शानदार तरीके से 2 – 1 से जीत दर्ज की थी. पहले टेस्ट में केवल 36 रन पर आउट होने के बाद टीम इंडिया दूसरे टेस्ट में टीम ने शानदार तरीके से वापसी करते हुए दूसरे टेस्ट में 8 विकेट से बड़ी जीत हासिल की थी. यह सीरीज इंडिया की जीत के साथ साथ विवादों की वजह से भी याद रखी जाएगी. इस सीरीज में इंडियन प्लेयर्स पर ऑस्ट्रलियाई दर्शकों ने भारतीय खिलाडियों पर नस्लीय टिप्पणी की थी.
दर्शकों को स्टेडियम से निकला
सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में भारतीय तेज गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ ऐसा वाकया हुआ जो क्रिकेट खेल में बहुत ही खराब कहा जा सकता है. बीच मैदान में ही जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज को एससीजी (SCG) भीड़ के एक वर्ग द्वारा नस्लीय दुर्व्यवहार किया गया था. इस विवाद के चलते बीसीसीआई (BCCI) नस्लवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करते हुए अधिकारियों को औपचारिक शिकायत दर्ज कराई और आरोपी दर्शकों को मैदान से बाहर कर दिया गया.
विवाद पर Ajinkya Rahane ने किया बड़ा खुलासा

अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने ‘बंदे में था दम‘ डॉक्यूमेंट्री लॉन्च के मौके पर कहा,” जब चौथे दिन दर्शकों ने भारतीय खिलाड़ियों पर हमला जारी रखा तब मोहम्मद सिराज मेरे पास आया, तो मैंने अंपायर्स से कहा कि जब तक वो इस मामले पर एक्शन नहीं ले लेते तब तक हम नहीं खेलेंगे.
When everything was against them, they stood tall and showed the world their true grit, strength and determination.
Witness the story of the greatest fightback. The story behind India’s biggest triumph in Test history.#BandonMeinThaDum – The fight for India’s pride. pic.twitter.com/T6ilpxIbgH
— Voot Select (@VootSelect) June 1, 2022
रहाणे (Ajinkya Rahane) ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा,”
अंपायर्स ने कहा कि आप खेल को रोक नहीं सकते हैं और आप चाहें तो वॉक आउट कर सकते हैं. हमने कहा कि हम यहां खेलने के लिए हैं न कि ड्रेसिंग रूम में बैठने के लिए और नस्लीय टिप्पणी वालों को मैदान से बाहर निकालने पर जोर दिया. जिस स्थिति से वह गुजरा था, उसे देखते हुए हमारे सहयोगी का समर्थन करना महत्वपूर्ण था. सिडनी में जो हुआ वह पूरी तरह से गलत था.
आर.आश्विन ने भी साझा किया अनुभव
आर. आश्विन ने भी ऑस्ट्रलिया के उस दौरे और सिडनी टेस्ट में क्रीज़ पर टिके रह कर टेस्ट ड्रा करने की बात पर कहा,
ऑस्ट्रेलिया का भारत दौरा एक क्रिकेटर के रूप में सबसे अविस्मरणीय अनुभवों में से एक है. मुझे याद है कि कैसे हनुमा और मैं कुछ गंभीर चोटों के बावजूद ढाई घंटे से अधिक समय तक मैदान पर डटे थे, लेकिन यह हमारे लिए करो या मरो की स्थिति थी. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की जीत से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं लग रहा था, और मुझे उस ऐतिहासिक दौरे का हिस्सा बनने पर अधिक गर्व होता है.
सीरीज में मिली 2 -1 से शानदार जीत
भारतीय टीम पहले टेस्ट में सिर्फ 36 रन पर आलआउट हो गयी थी जिसके चलते टीम को काफी आलोचना का भी सामना करना पड़ा था. इसके बाद दूसरे टेस्ट में टीम ने शानदार वापसी करते हुए टेस्ट को 8 विकेट से अपने नाम किया. तीसरे टेस्ट मैच में भी इंडियन टीम ने काफी साहस दिखाया और टेस्ट को ड्रा किया. इसके बाद चौथे गाबा टेस्ट को तो कौन ही भूल सकता है शुभमन गिल और ऋषभ पन्त के शानदार प्रदर्शन के दम पर टीम ने जीत डार्क करके सीरीज भी अपने नाम की.
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