किसी ने सच ही कहा हैं कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। एक छोटी चींटी भी धीरे – धीरे चल कर अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाती हैं। सफलता का यह सफर लंबा हो सकता हैं, पर विफल नहीं, जब हम अपने सपनों को पाने का दृढ निश्चय कर लेते हैं , तो कोई भी हमें अपनी मंजिल तक पहुंचने तक कोई नहीं रोक सकता हैं। ऐसी ही एक कहानी हैं आईएएस अधिकारी आरती डोगरा (Arti Dogra) की जिनका कद तो छोटा था पर उनके सपने बहुत बड़े थे।
वैसे तो आपने आईएएस की सफलता की कई कहानियां सुनी- देखी होगी पर आज हम जिस की कहानी बताने जा रहे हैं वह एक ऐसी लड़की की सफलता की कहानी हैं जिसका समाज में उसके शारीरिक रूप का मजाक उड़ाया गया था। उसके बावजूद उस लड़की ने कभी हार नहीं मानी और अपने सपनों को पूरा करने के लिए निरंतर मेहनत करती रही। आइये बताते है Arti Dogra के जीवन के बारे में…
माता-पिता ने Arti Dogra के सपनों को भरी थी उड़ान

आईएएस आरती डोगरा (Arti Dogra) का जन्म उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून में हुआ था। उनके पिता एक कर्नल हैं जिनका नाम राजेंद्र हैं और मां का नाम कुमकुम हैं , जो कि पेशे से एक स्कूल प्रिंसिपल हैं। उनके इस पड़ाव में माता-पिता का पूरा सहयोग मिला था। बेशक से समाज ने उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश की हो लेकिन उनके माता- पिता ने उनका साथ नहीं छोड़ा।
आरती ने की थी प्रतिष्ठित गर्ल्स स्कूल से अपनी पढाई की शुरूआत

आरती डोगरा (Arti Dogra) का जब जन्म हुआ था , तब डॉक्टरों द्वारा पहले ही उनके माता-पिता को सूचित कर दिया गया थी कि उनकी बेटी नार्मल नहीं हैं, वह एक सामान्य स्कूल में नहीं जा सकेगी। लेकिन फिर भी उनके माता-पिता ने अपनी बेटी को शौक से पाला और किसी भी बात की कमी महसूस नहीं होने दी। बाद में आरती डोगरा को देहरादून के एक प्रतिष्ठित गर्ल्स स्कूल में दाखिला दिलाया गया और आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली भेज दिया गया। इन्होंने लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक में अपनी पढ़ाई पूरी की थी।
अपने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में हुई थी पास

अपने बचपन से ही आरती डोगरा (Arti Dogra) समाज का तिरस्कार झेलते हुए भी अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत को कभी नहींं छोड़ा था। इन्होंने अपने पहले प्रयास में AIR-56 के साथ सिविल सेवा परीक्षा पास की थी। आरती डोगरा राजस्थान कैडर 2006 बैच से हैं और यहीं से लोक सेवक के रूप में उनका सफर यहीं से शुरू हुआ था।
आरती ने अपने राज्य में चलाए थे कई अभियान

सिविल सेवा में तैनात होने से पहले ही आरती डोगरा (Arti Dogra) समाज के लिए काम करने के लिए सोचा करती थी जब वह इस काबिल हो भी गई तो उन्होंने अपने जिले को शौच मुक्त करने के लिए ‘बांको बिकानो’ अभियान चलाया। उनके इस अभियान की शहर भर में तारीफ हुई साथ ही उनके काम को न केवल राज्य सरकार ने सराहा, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने भी उनके काम की सराहना की।
लोगों को जागरूक करने का किया काम

आरती डोगरा (Arti Dogra) ने ऐसे ही कई योजनाएं अपने राज्य में चलाई, जिससे लोगों को जागरूक करने का काम किया, उन्होंने डॉक्टर्स फॉर डॉटर्स नामक कार्यक्रम शुरू किया, इस योजना के तहत अस्पतालों में पैदा हुई अनाथ, गरीब और असहाय लड़कियों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
आरती डोगरा को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मिल चुका हैं राष्ट्रीय पुरस्कार

अजमेर की कलेक्टर की हैसियत से आरती डोगरा (Arti Dogra) ने लोगों को वोट डालने और विकलांग की सहायता करने के लिए लोगों को इस काम के लिए प्रोत्साहन दिया। वहीं आरती डोगरा को साल 2018 में अजमेर विधानसभा चुनाव में जिला चुनाव अधिकारी के रूप में उनके अभिनय के लिए भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 2019 में राष्ट्रीय पुरस्कार दिया था।
देश की बेटियों के लिए बनी प्रेरणा

आरती डोगरा (Arti Dogra) ने न सिर्फ अपने सपनों को पूरा किया हैं बल्कि सामज की बेटियों के लिए भी एक मिशाल बनी हैं। साथ ही समाज को भी एक आईना दिखाया हैं कि शारीरिक रूप से कमजोर इंसान एक आम इंसान की तरह जीने का अधिकार रखता हैं।