Asia Cup 2025 : एशिया कप 2025 (Asia Cup 2025) के दौरान पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को सिर्फ़ एक गलती से ₹141 करोड़ का भारी नुकसान हो सकता है। बोर्ड खुद को एक मुश्किल स्थिति में पा रहा है, जहाँ उसे वित्तीय जोखिमों और टूर्नामेंट के भविष्य से जुड़े अहम फ़ैसलों के बीच संतुलन बनाना है। कोई भी ग़लत कदम आर्थिक रूप से पाकिस्तान का बड़ा झटका दे सकता है। इस पूरे मामले से क्रिकेट जगत में एक नई बहस छेड़ दी है।
Asia Cup 2025 के बीच धर्म संकट में पड़ा पीसीबी
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने एशिया कप 2025 (Asia Cup 2025) से हटने की धमकी देकर खुद ही के पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। दरअसल पीसीबी अध्यक्ष और ACC अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने हाथ मिलाने के विवाद का कारण रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को माना है।
नकवी ने एंडी पाइक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की और मांग पूरा न होने पर टूर्नामेंट से हटने की धमकी दी, लेकिन आईसीसी ने उनकी मांग को खारिज कर दिया। पाकिस्तान को 17 सितंबर को यूएई के खिलाफ अपने ग्रुप-स्टेज के अंतिम मैच में खेलना है।
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एशिया कप 2025 से हटने पर पाकिस्तान को होगा नुकसान
एशिया कप 2025 (Asia Cup 2025) से बाहर होना पीसीबी के लिए खतरनाक साबित होगा। अनुमान है कि इससे 12-16 मिलियन अमेरिकी डॉलर (₹105-141 करोड़) का वित्तीय नुकसान होगा। टूर्नामेंट के लिए, पीसीबी का अनुमानित राजस्व 1.2-1.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
एसीसी मॉडल के तहत, भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान, प्रत्येक को कुल आय का 15% मिलता है। पाकिस्तान का वार्षिक क्रिकेट बजट लगभग 227 मिलियन अमेरिकी डॉलर है, ऐसे में 16 मिलियन डॉलर का नुकसान राजस्व में लगभग 7% कमी लाएगा।
वित्तीय कारणों के अलावा, नकवी के इस कदम को राजनीति से प्रेरित भी माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य देश में अपनी मजबूत छवि बनाए रखना है। हालाँकि, आलोचकों का तर्क है कि पाकिस्तान के क्रिकेट भविष्य की कीमत पर अपनी व्यक्तिगत विश्वसनीयता की रक्षा करना आत्मघाती हो सकता है।
प्रसारण समझौता भी होगा खतरे में
यह खतरा एसीसी के प्रसारण समझौते को भी खतरे में डालता है। सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया (एसपीएनआई) ने एसीसी के साथ 17 करोड़ अमेरिकी डॉलर (2024-2031) का एक समझौता किया है, जिसमें भारत-पाकिस्तान मैच मुख्य आकर्षण होंगे।
अगर पाकिस्तान बाहर निकलता है, तो प्रसारकों को नुकसान होगा। इसके अलावा, पाकिस्तान एसीसी के भीतर अलग-थलग पड़ने का जोखिम भी उठा रहा है, क्योंकि अन्य टेस्ट खेलने वाले देश गैर-भागीदारी के बावजूद 15% राजस्व के उसके अधिकार पर सवाल उठा सकते हैं।
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