भारतीय वैज्ञानिको ने जिंदा पकड़ा कोरोनावायरस, अब जल्द बना लेंगे इसका टिका

कोरोना वायरस के रूप को बदलने का सिलसिला अब बन्द हो चुका है माना जाता है कि कोरोना ने आठ बार अपना रंग बदल कर सामने आया ,जिसके रंग का बदलाव अब बन्द हो चुका है। बताया जा रहा कि पिछले 80 दिनों से कोरोना के मरीजो में अब सिर्फ एक तरह का स्ट्रेंन पाया गया है। जिसके वजह से भारतीय वैज्ञानिकों को वैक्सीन ढूढने में सहायता मिल रहा है। आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगी वैक्सीन, 80 दिन में एक रूप मिलने से वायरस के 15-15 दिन में दो परीक्षण होंगे ।

दिल्ली एम्स के सामुदायिक मेडिसिन विभाग में परीक्षण शुरू

दिल्ली एम्स में सामुदायिक मेडिसिन विभाग के डॉ. संजय कुमार राय ने बताया कि 7 जुलाई तक पंजीयन के बाद परीक्षण शुरू होगा। दोनो परीक्षण का डाटा अलग-अलग तैयार किया जाएगा।

मरीजो में एक जैसे स्ट्रेन

हैदराबाद में स्थित सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के डायरेक्ट डॉ. राकेश मिश्रा ने बताया कि कोरोना के मरीज 30 जनवरी से 2 मई तक लगभग 8 रूप में वायरस मिले। लेकिन इसके बाद से 90 प्रतिशत तक के ऐ2एम और ए 3 आई जैसे वायरस मिले, जिससे भारतीय वैज्ञानिक को इसका वैक्सीन निकालने में आसानी होगी। जो परीक्षण में काफी मददगार साबित होगा।

वायरस को ज़िंदा पकड़, फिर किया गया रिसर्च

पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. प्रिया अब्राह्म ने कहा कि चीन के वुहान शहर से लौटी एक केरला की छात्रा संक्रमित मिली थी। उसी ज़िंदा वायरस पर हैदराबाद रिसर्च सेंटर में तीन महीने के बाद टीका तैयार किया गया है।

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