यह तकनीकी विकसित करने वाला दुनिया का चौथा देश बना भारत

नई दिल्ली: इंडिया ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) देश में तैयार करने में सफलता हासिल की है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने तैयार किया है। वहीं सोमवार को ओडिशा के बालासोर स्थित एपीजे अब्दुल कलाम रेंज में (HSTDV) का सफल परीक्षण रहा।

हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी हासिल करने वाला चौथा देश बना भारत

इसे स्क्रैमजेट (तेज रफ्तार) इंजन की मदद से लॉन्च किया गया। रक्षा सूत्रों की मानें तो हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली के विकास को आगे बढ़ाने के लिए आज का परीक्षण एक बड़ा कदम है। इससे पहले अमेरिका, रूस व चीन भी यह तकनीक तैयार कर चुके हैं। बता दें कि भारत यह तकनीक हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।

यह तकनीकी विकसित करने वाला दुनिया का चौथा देश बना भारत

DRDO ने परीक्षण की सफलता पर कहा कि ये परीक्षण इसलिए किया गया ताकि हम भविष्य के लिए तकनीकों की जांच कर सकें। हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट को लॉन्च करने के बाद उसकी गतिविधियों को विभिन्न राडार, टेलीमेट्री स्टेशन और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सेंसर्स से ट्रैक किया गया। वहीं अभी डाटा जमा करके उसका विश्लेषण किया जा रहा है। हालांकि इससे पहले पिछले साल जून माह में भी HSTDV का परीक्षण किया गया था।

एचएसटीडीवी हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट के लिए मानव रहित स्क्रैमजेट प्रदर्शन विमान है। जो विमान 6126 से 12251 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़े, उसे हाइपरसोनिक विमान कहते हैं। इंडिया एचएसटीडीवी का परीक्षण 20 सेकंड से भी कम समय का था।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ की टीम को दी बधाई 

 

रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, ‘मैं प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने और यह उपलब्धि हासिल करने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (डीआरडीओ) की टीम को बधाई देता हूं। मैंने इस प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की है और उन्हें बधाई दी। भारत को उन पर गर्व है।’

भारत पांच साल में  तैयार कर सकेगा हाइपरसोनिक मिसाइलें

यह तकनीकी विकसित करने वाला दुनिया का चौथा देश बना भारत

सूत्रों के मुताबिक, भारत अब अगले 5 सालों में हाइपरसोनिक मिसाइल तैयार कर सकेगा। ये हाइपसोनिक मिसाइलें 1 सेकंड में दो किमी. तक वार कर सकती हैं। इनकी रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से छः गुना अधिक होती है। वहीं भारत में तैयार होने वाली हाइपरसोनिक मिसाइलें देश में तैयार की गई स्क्रैमजेट प्रपुल्सन सिस्टम से लैस होंगी।

मापदंडों में खरा उतरा एचएसटीडीवी

इस प्रोजेक्ट की अगुआई DRDO प्रमुख जी सतीश रेड्‌डी व उनकी हाइपरसोनिक मिसाइल टीम ने की। टेस्टिंग की प्रक्रिया करीब 5 मिनट तक चली। परीक्षण में यह लॉन्च व्हीकल कंबशन चेम्बर प्रेशर, एयर इन्टेक और कंट्रोल जैसे मापदंडों पर खरा उतारा।

 

 

 

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