IND vs BAN: 12 साल के लंबे इंतजार के बाद Jaydev Unadkat को मिला पहला विकेट, तो बीसीसीआई ने किया खास पोस्ट≅
भारतीय टीम और बांग्लादेश के बीच (IND vs BAN) के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा और अखिरी मुकाबला गुरूवार यानी 22 दिसंबर को खेला जा रहा है। जिसमें जयदेव उनादकट (Jaydev Unadkat) ने टीम इंडिया को पहली सफलता दिलाई। उन्होंने अपना पहला विकेट जाकिर हसन के रूप में लिया। टेस्ट मैच में वापसी करने वाले उनादकट को पूरे 12 साल बाद यह बड़ी कामयाबी मिली है।
जयदेव उनादकट ने अपना टेस्ट डेब्यू दिसंबर 2010 में किया था। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन टेस्ट में उन्हें पहली बार टीम इंडिया की ओर से खेलने का मौका मिला था। हालांकि उनादकट का इस टेस्ट सीरीज में प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। 26 ओवर लेने और 100 रन लुटाने के बावजूद वह एक भी विकेट हासिल करने में नाकामयाब रहे थे।
Jaydev Unadkat को टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में मिली जगह
दरअसल, डेब्यू के बाद ही खराब प्रदर्शन रहने के कारण इसके बाद उनादकट (Jaydev Unadkat) को दोबारा कभी टेस्ट सीरीज में खेलने के मौका नहीं दिया गया। पिछले 12 सालों में भी उनकी गेंदबाजी ऐसी नहीं रही है कि उन्हें टेस्ट टीम का हिस्सा बनाया जाए। हालांकि जब उनादकट ने पिछले घरेलू मैचों में शानदार गेंदबाजी की तो उन्हें बांग्लादेश सीरीज में टीम का हिस्सा बनाया गया। लेकिन पहले मैच में उन्हें प्लेइंग-11 में शामिल नहीं किया गया था। वहीं, दूसरे मैच में उन्हें कुलदीय यादव की जगह टीम में मौका दिया गया है।
उनादकट के 1 विकेट हासिल करने पर BCCI ने किया खास पोस्ट
Maiden Test wicket for @JUnadkat 👌👌
He has had to wait for 12 years but the moment has arrived as the speedster picks up his first Test wicket.
Zakir Hasan departs for 15 runs.
Live – https://t.co/XZOGpedaAL #BANvIND pic.twitter.com/2nXLkOfniv
— BCCI (@BCCI) December 22, 2022
गौरतलब है कि केएल राहुल का जयदेव उनादकट (Jaydev Unadkat) को टीम में शामिल करने का फैसला सही भी साबित हुआ। बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी टेस्ट में अभी तक उमेश और सिराज एक भी विकेट हासिल करने में नाकामयाब रहे हैं। लेकिन जयदेव ने टीम में वापसी करते ही अपना जलवा दिखाना शुरू कर दिया है। उन्होंने जाकिर हसन (15) पर ही आउट कर के चलता किया। वहीं जयदेव के इस खास उपलब्धि पर BCCI ने खास पोस्ट किया है। जिसमें लिखा है कि कड़ी मेहनत का फल आखिरकार हासिल हो ही गया।
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