लंदन का ग्लोबल टीचर अवार्ड महाराष्ट्र के सोलापुर में एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने वाले एक शिक्षक को मिला है. हम बात कर रहे है महाराष्ट्र के छोटे से गांव से निकले रणजीत सिंह की जो महाराष्ट्र के सोलापुर में एक प्रमारी स्कूल में पढ़ाते है. उनके नेक कार्यो के चलते उन्हें लंदन में आयोजित होने वाले ग्लोबल टीचर अवार्ड में पूरी दुनिया के 12,000 शिक्षको बीच चुना गया है.
किसी महापुरुष ने ठीक ही कहा था की अगर तुम कुछ बदलना चाहते हो तो पहले खुद को बदलो देश अपने आप बदल जाएगा इस कहावत को सच करके दिखाया है रणजीत सिंह ने क्या है उनकी पूरी कहानी आइये जानते है हमारे इस खास लेख में
मिला है लंदन का ग्लोवाल टीचर अवार्ड
रणजीत सिंह को लंदन में आयोजित ग्लोवल टीचर का अवार्ड से सम्मानित किया गया है, साथ ही उन्हें 10 लाख डालर के इनाम के लिए भी चुना गया है. दरसल ये पुरुस्कार उन्हें 83 देशो में मुफ्त में गणित के ट्यूशन पढ़ाने वाली वेबसाइट चलाने के लिए मिला है. गावं में पढ़ाने के दौरान रणजीत के मन में शिक्षा के खराब स्तर को बदलने का ख्याल आया. तब उन्हे ऑनलाइन पद्दति को इस सिस्टम में जोड़ने का ख्याल आया इसलिए उन्होंने क्यूआर कोड पद्दति का इस्तेमाल करके गांव की शिक्षा पद्दति में अभूतपूर्व सुधार किया.
रणजीत सिंह कहते है कि,
”इस मुश्किल वक्त में इस मुश्किल वक़्त में शिक्षक हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि हर बच्चे को उसका शिक्षा का जन्म सिद्ध अधिकार मिले.”
लड़कियों के बाल विवाह पर लगाया अंकुश
इस पुरुस्कार के लिए रणजीत सिंह को पूरी दुनिया के 12,000 शिक्षको की लिस्ट में से इसलिए चुना गया है, क्योकि रणजीत ने अपने इलाके की नाबालिग लड़कियों के बाल विवाह को रोका साथ ही अपने गांव मे लड़किओं की स्कूल में 100 हाजरी भी करवायी. इसके लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. रणजीत सिंह एक ऑनलाइन ट्यूशन पढ़ाने वाली वेबसाइट भी चलाते हैं, जिसमें कुल 83 देशो के बच्चो को गणित के अलावा कई विषयो में मुफ्त में शिक्षा प्रदान की जाती है.
इनाम में मिले 7 करोड़ को बांटने का किया फैसला
लंदन में रणजीत सिंह को ग्लोबल पुरुस्कार के साथ 7 करोड़ का इनाम भी मिला है. लेकिन रणजीत सिंह कें लिए पैसे अहमियत नहीं रखते इसलिए उन्होंने इनाम में मिली रकम को जरुरतमंद शिक्षको में बांटने का फैसला किया है.