माइक्रोसॉफ़्ट कंपनी की नौकरी छोड़ बना रहे हैं कटहल का आटा, डॉक्टर अब्दुल कलाम भी थे इनके फैन

अधिकतर लोग अच्छी शिक्षा प्राप्त करके सोचते है किसी बड़ी कम्पनी में नौकरी लगे। यही नहीं कुछ लोग तो अच्छी और बड़ी कम्पनियों में कार्य करने के लिये सब कुछ छोड़ देते हैं। वहीं कुछ लोग भी होते है जिनकी अपनी मिट्टी से प्यार होता है। वह अपनी अच्छी नौकरी और ऐश-ओ-आराम की जिन्दगी छोड़ खेती करने की सोचने लगते हैं। बताते हैं आज आपको ऐसे ही युवा किसान के बारे में –

नौकरी छोड़ शुरू की कटहल की खेती

माइक्रोसॉफ़्ट कंपनी की नौकरी छोड़ बना रहे हैं कटहल का आटा, डॉक्टर अब्दुल कलाम भी थे इनके फैन

49 वर्ष के जेम्स जोशेफ केरल के कोची में रहते हैं और माइक्रोसॉफ़्ट कम्पनी में काम करते थे। लेकिन विश्व में कटहल को मशहूर करने के लिये उन्होंनें अपनी नौकरी छोड़ दी। कटहल खाने के बहुत अधिक फायदे हैं। इसमें कई तरह के पौष्टिक तत्व पाये जाते है, विटामिन A, विटामिन C, कैल्शियम ,आयरन, जिंक, पोटैशियम , थायमिं फाईबर। इसके सेवन से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है तथा यह दिल की बीमारियों में भी मददगार साबित हुई है। कटहल अस्थमा, थायराईड तथा इन्फेक्शन में बहुत लाभकारी है। इसके साथ ही शरीर की हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है तथा इम्युनिटी को भी बढ़ाता है।

मिल चुका है स्टार्टअप इंडिया अवार्ड

माइक्रोसॉफ़्ट कंपनी की नौकरी छोड़ बना रहे हैं कटहल का आटा, डॉक्टर अब्दुल कलाम भी थे इनके फैन

अब जेम्स ने अपने प्रोसेसिंग यूनिट-अप और बिजनेस का नाम “JACKFRUIT-365” रखा है। साल 2013 में अपने बिजनेस की शुरुआत की थी। उस समय उन्होंने कटहल को प्रोसेसिंग कर सिर्फ स्टोर रखने का कार्य कर रहे थे। 180 ग्राम के पैकेट को सामान्य तापमान पर साल भर स्टोर कर के रखा जा सकता है। जब कोई कस्टमर हल्के गर्म पानी में यह डालेगा तो उसे 1 किलो कटहल की प्राप्ती होगी। जेम्स के फ्रोजेन कटहल का काम सफल हुआ उसके बाद उन्होंने कटहल का आटा लांच किया। अब उन्हें “नेशनल स्टार्टअप इंडिया अवार्ड” भी मिल चुका है।

माइक्रोसॉफ़्ट कंपनी की नौकरी छोड़ बना रहे हैं कटहल का आटा, डॉक्टर अब्दुल कलाम भी थे इनके फैन

एक बार जेम्स अपने दोस्त के साथ होटल ताज में खाना खाए गये। वहां उन्होनें खाने में मशरूम और मीट खाया। वहीं उन्होंने सोचा कि इन सबसे अधिक फायदेमंद तो कटहल होता है तो इसे क्यों नहीं बनाया गया। फिर जेम्स ने शेफ से पूछा,“अधिक फायदेमंद होने के बाद भी कटहल क्यों नहीं बनाया।”

तब शेफ बताया यह साल भर नहीं मिलता है और चिपकता है और महकता भी है, इसलिए नहीं बनाया। फिर जेम्स ने निश्चय किया कि वे कटहल के मौसम में शेफ से खाना बनवायेंगे। उन्होंने आलू टिक्की बर्गर न बनवा कर कटहल बर्गर बनवाई। उन्हें वह बेहद स्वादिष्ट लगी तब से उन्होनें अपने सपने की नींव रखी और खुद का फूड बिजनेस शुरु किया। जब जेम्स अपने शहर आकर कटहल की प्रोसेसिंग करने के बारें में सोचे तब उन्हें जानकारी मिली कि इसमे पानी की मात्रा अधिक होती है। कटहल को स्टोर करने के लिये फ्रिज-ड्रायर की मदद से सालों भर स्टोर कर के रखा जा सकता है। इससे यह वर्ष भर बाजार में उपलब्ध भी रहेगा।

डॉ. कलाम ने बुलाया मिलने को

डाईबिटीज रोगियों के लिये कटहल अच्छा है और ग्लुकोज गेहूं और चावल से बहुत कम मात्रा में होता है। यह शुगर को कम करता है और आसानी से पचता भी है। जेम्स ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम से प्रेरणा लेकर कटहल सामान्य डाईट में सम्मिलित करने पर विचार किया था। जेम्स ने अपनी एक पुस्तक “गॉड ऑन ऑफिस” छपवाई। इस पुस्तक ने डॉ. कलाम को बेहद प्रभावित किया और उन्होने जेम्स को मिलने के लिये बुलाया। कुछ समय शान्त रहने के बाद उन्होंने कहा कि हमें लोगों के दैनिक खानपान में जोड़ने के लिये विचार करना चाहिए। यदि रास्ता मिल गया तो मैं आपकी मार्केटिंग मे सहायता करूंगा। लेकिन बड़े दुख की बात है कि डॉ. कलाम हमारे बीच नहीं रहे। लेकिन उनकी शुभकामनाएं हमेशा साथ रहेगी।

कटहल का आटा बनाने में हुए सफल

5 वर्ष बाद जेम्स कटहल का आटा बनाने में सफल हुए। लेकिन अभी उनकी परेशानी खत्म नहीं हुईं थी क्यूंकि उन्हें ऐसा आटा तैयार करना था जो उत्तर भारत में रोटी बनाने के काम आ सके और दक्षिण भारत मे डोसा और ईडली। आखिरकार उनके परिश्रम असर दिखाया आटा बनकर तैयार हो गया। इस कटहल के आटे की कीमत 10 रुपये है।

साल 2018 में इसे प्रयोग करने के बारें में सोचा। डॉ. नायर जो डायबीटीज के मरीज हैं, उन्होंने इस आटे का सेवन किया जिससे उनका शुगर कम होने लगा तथा फोर्ब्स और कोलेस्ट्राल में भी कमी आई। नायर ने बताया कि उन्होंने दवाई के साथ-साथ आटे का सेवन भी शुरु किया।

उन्हें महसूस हुआ कि आटा और शुगर की 2 गोली शुगर को कम कर रहें हैं। 3 माह खाने के बाद उनका टेबलेट और इन्सुलिन इन्टेक कम हो गया। अब वे 4 माह से सिर्फ आटे का सेवन कर रहें हैं और कोई दवाई नहीं खाते हैं। अमेरिकन डाइबिटीज एसोसिएशन ने बताया कि कटहल से हीमोग्लोबिन, FBG और PPG कम होता है। नियमित रूप से डाइबिटीज मरीजों को इसका सेवन करना चाहिए।