केंद्र सरकार के द्वारा के लाएंगे तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा में कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाने का फैसला किया है।
क्यों ला रहे हैं क्रांग्रेस सांसद प्राइवेट मेंबर बिल
पिछले दो महीने के ज्यादा वक्त से केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश के किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। और एमएसपी पर एक मुकम्मल कानून बनाने की भी मांग कर रहे हैं।
कृषि कानूनों को लेकर 8 फरवरी के दिन सोमवार को संसद में प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को भरोसा दिला था। किसानों को कृषि से लाभ होगा और वो आंदोलन वापस लेलें। लेकिन अब किसानों पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे पंजाब कांग्रेस के सांसद लोकसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्राइवेट मेंबर बिल लाने का फैसला किया है।
सरकार और किसानों के बीच वार्ता फेल हो गई है
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मंगलवार को कहा कि हम इस बारे में स्पीकर के साथ चर्चा करेंगे। जिसके बाद इन बिलों को लाया जाएगा। मनीष तिवारी ने कहा कि, सरकार और किसानों के बीच जो वार्ता हुई वो पूरी तरह से फेल हो गई है।
सरकार जैसा बर्ताव कर रही है और किसानों की बात नहीं सुन रही है। हमारे पास अपने संसदीय अधिकारों का उपयोग करके खेती से जुड़े इन तीन कानूनों को रद्द करने के लिए इसे लाने के सिवा कोई चारा नहीं रह गया है: कृषि कानूनों के खिलाफ प्राइवेट मेंबर बिल लाने पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी pic.twitter.com/tnTX2Rsahf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 9, 2021
मनीष तिवारी ने बताया कि पंजाब के सांसदों का एक समूह लोकसभा में रिपीलींग एंड एमेंमेंड बिल 2021 लाएगा। सांसदों के इस दल में उनके अलावा परनीत कौर, जसबीर सिंह गिल और संतोख चौधरी होंगे।
सांसद मनीष तिवारी ने प्राइवेट बिल लाने के फैसले पर कहा,
“सरकार जैसा बर्ताव कर रही है और किसानों की बात नहीं सुन रही है। हमारे पास अपने संसदीय अधिकारों का उपयोग करके खेती से जुड़े इन तीन कानूनों को रद्द करने के लिए प्राइवेट बिल लाने के सिवा कोई चारा नहीं रहा गया है”।
क्या होता है प्राइवेट मेंबर बिल
कोइ भी सांसद किसी भी विषय पर कानून बनाने के लिए संसद में प्राइवेट मेंबर बिल ला सकता है। इसका अधिकार सभी सांसदों को होता है। संसद का सत्र का शुरू होने के बाद वैकल्पिक (ऑल्टरनेटिव) शुक्रवार को प्रावेट बिल सदन में रखा जा सकता है। इस दिन प्राइवेट मोशन डे होता है। विधानसभा और विधानपरिषद के सदस्यों को भी अपने-अपने सदन में यह अधिकार हासिल होता है।