Rahul Dravid: भारत और न्यूजीलैंड के बीच आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 का मैच नंबर 21 रविवार को धर्मशाला में खेला जाना है। दोनों ही टीमों के लिए यह मैच काफी महत्वपूर्व होने वाला है। भारत और न्यूजीलैंड दोनों ने टूर्नामेंट के अपने शुरुआती 4 मैचों में लगातार जीत हासिल की है। ऐसे में वे अपने इस विजय अभियान को जारी रखने की कोशिश करेंगे।
मगर इस महामुकाबले से पहले टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को जमकर लगातार लताड़ लगाई है। साथ ही राहुल ने क्रिकेट में गेंद और बल्ले के बीच बराबरी की टक्कर की भी वकालत की। आइये आपको विस्तार से इस मामले की जानकारी देते हैं।
Rahul Dravid ने लगाई आईसीसी को लताड़

टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच की पूर्व संध्या पर पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए आईसीसी के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली। द्रविड़ आईसीसी के द्वारा भारतीय पिचों को औसत रेटिंग दिए जाने से नाराज थे और उन्होंने इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है।
दरअसल, आईसीसी ने पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए भारत के मैचों में प्रयोग की गई अहमदाबाद और चेन्नई की पिचों को ‘औसत’ रेटिंग दी। मगर द्रविड़ को यह बात बिलकुल रास नहीं आई और उन्होंने क्रिकेट की सर्वोच्य संस्था के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है।
आईसीसी के फैसले के खिलाफ बोले Rahul Dravid

टीम इंडिया के हेड कोच ने आईसीसी के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वनडे में केवल चौके-छक्कों का खेल नहीं होने चाहिए, बल्कि बल्कि गेंदबाजों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा,
“मैं यकीनन उन दो वेन्यू की पिच के लिए दी गई औसत रेटिंग से सम्मानपूर्वक असहमत हूं। मुझे लगता है कि दोनों विकेट बहुत अच्छे थे। अगर आप केवल 350 रन का मैच देखना चाहते हैं और केवल उन्हीं विकेटों को अच्छी रेटिंग देना चाहते हैं, तो मैं इससे सहमति नहीं रखता हूं। आपको मैच में अलग-अलग स्किल को देखना होगा।”
द्रविड़ ने खिलाड़ियों की अलग अलग क्वालिटी पर प्रकाश डालते हुए आगे कहा,
“बात इस बारे में नहीं है कि हम केवल चौके और छक्के लगते देखना चाहते हैं। इसके लिए हमारे पास टी20 क्रिकेट है, जहां विकेट रनों से भरपूर होते हैं। हमने पुणे और दिल्ली में मैच खेले जहां 350 रन वाली पिच थी। मगर वनडे क्रिकेट में अलग तरह की स्किल की ज़रूरत होती है, जिन्हें खिलाड़ियों को अपने भीतर तैयार करना होता है। स्ट्राइक को रोटेट करना और स्पिन को खेलने की कला खिलाड़ियों को आनी चाहिए।”
“रविंद्र जडेजा, मिचेल सैंटनर, एडम ज़म्पा की गेंदबाज़ी देखिए। केन विलियमसन के स्ट्राइक रोटेट करने की कला को देखिए और जिस तरह से विराट कोहली और केएल राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बल्लेबाज़ी की, यह सभी वैसी ही कलाएं हैं, जिसकी मांग वनडे क्रिकेट आपसे करता है।”
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