श्री राम की नगरी अयोध्या में जिस समय चिर अभिलाषित राम मंदिर की नींव रखी जा रही होगी ठीक उसी समय पुरे देश में यहां की पवित्र माटी की पूजा की जा रही होगी. दरअसल कोरोना संक्रमण को देखते हुए विहिप (विश्व हिंदु परिषद) के देश भर के कार्यकर्ता इकठ्ठे नहीं हो सकेंगे. चूंकि विहिप की आत्मा में राम मंदिर का सपना सदियों से बसता आ रहा है. इसलिए जब कोरोना उनको राम मंदिर की ऐतिहासिक नींव रखने का साक्षी नहीं बनने दे रहा है तो विहिप ने 5 अगस्त को अपने राम के करीब रहने का एक अद्भुत तरीका निकाला है, जिसे जानने के बाद आप भी इन राम भक्तों की जयकार किए बगैर नहीं रह पाऐंगे.
विहिप के वरिष्ठजनों ने अपने कार्यकर्ताओं को तारीख तय होते ही निर्देशित कर दिया था कि छोटी छोटी टोली में अयोध्या जायें और रामलला के चरणों की माटी लेकर अपने- अपने शहर, गांव और कस्बों में जायें व 5 अगस्त को उसी मुहुर्त में पूजा करें जिस मुहुर्त में अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी जा रही होगी. जानकारों की मानें तो, अगर कोरोना संक्रमण का समय नहीं होता तो राम भक्तों की इतनी संख्या होती कि अयोध्या में तिल रखने की भी जगह नहीं होती. और तो और पुलिस प्रशासन को संभालना भी मुश्किल हो जाता.
इन तीन जिलों के 21 पुरोहित कराऐंगे भूमि पूजन…
चिर अभिलाषित राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को अयोध्या, मथुरा और काशी के 21 विद्वान पुरोहित करायेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधि विधान से भुमि पूजन करेंगे. पुरोहितों की टोली का नेतृत्व बनारस के जाने माने आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित की टीम करेगी. इस टोली में अयोध्या के 5 वैदिक आचार्य और शेष मथुरा व काशी के आचार्य होंगे.
यह अनुष्ठान सभी तीर्थों, क्रांतिकारियों की नगरी व चारो धाम की मिट्टी व जल से किया जायेगा. भुमि पुजन संयोजक पुणे के प्रवचनकर्ता गोविंद देव गिरि को बनाया गया है. वह कहते है कि भगवान राम की जन्म भूमि पर 492 साल बाद भव्य मंदिर निर्माण का अतुलनीय अवसर आया है.
उन्होंने बताया कि विहिप और संघ कार्यकर्ताओं के जरिए पूजित जल व मिट्टी विभिन्न नगरों से लायी जा रही है. इनको ताम्र कलशों में भर कर रखा जायेगा.
कोरोना को देखते हुए केवल इतने मेहमानों की बनी सूची
कोरोना संक्रमण को देखते हुए राम मंदिर निर्माण कार्य की नीव रखे जाने के कार्यक्रम में कम से कम लोगों को शामिल होने के लिए कहा गया है। मात्र 268 मेहमानों की सूची श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट की ओऱ से तैयार की गई है। इनमें प्रधानमंत्री मोदी व संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ ही मंदिर आंदोलन में के शीर्ष नायकों में शुमार लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, साध्वी ऋतंभरा, उमा भारती, बजरंगदल के संस्थापक एवं पूर्व सांसद विनय काटियार, वशिष्ठ पीठाधीश्वर एवं पूर्व सांसद डॉ. राम विलास दास वेदांती भी शामिल होंगे।
भूमि पूजन के मुहूर्त में नहीं है कोई संदेह
भूमि पूजन को लेकर उठ रहे तमाम विवादों का पटाक्षेप करते हुए अनुष्ठान प्रमुख स्वामी गोविंद देव गिरी ने कहा कि भूमि पूजन के लिए पांच अगस्त के मुहूर्त में कोई शास्त्री व ज्योतिषी बाधा नहीं है। उन्होंने जाने-माने खगोल शास्त्री पंडित गंगाधर पाठक का हवाला देते हुए बताया कि गृह आदि की शुरूआत करने के लिए भादो महीना को निषेध बताया गया है, लेकिन यह तब प्रभावित होता है जब इस महीने में सूर्य कन्या राशि में हो। जबकि भादो की जिस तारीख को भूमि पूजन का निर्णय लिया गया है उस समय सूर्य कन्या में न होकर कर्क राशि में स्थित होगा। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि नींव का खनन माह मान से नहीं बल्कि सूर्य मान से किया जाना चाहिए।
शुभ मुहूर्त को रखा गया अभी गोपनीय, तीन घंटे चलेगा पूजन
भूमि पूजन कराने वाले आचार्यों की टीम में शामिल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विनय पांडेय ने फोन से हुई बातचीत पर बताया कि राम मंदिर का भूमि पूजन तीन घंटे तक चलेगा। फिलहाल शुभ मुहूर्त को गोपनीय रखा गया है। राम जन्म भूमि अंतरराष्ट्रीय महत्व का विषय है।
भगवान राम सनातन संस्कृति के आराध्य हैं और उनकी जन्मभूमि अयोध्या सनातन संस्कृति की धरोहर है। प्रो. विनय के साथ ही बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के व्याकरण विभाग के आचार्य प्रो. राम चंद्र पांडये और प्रो. राम नारायण द्विवेदी भी अनुष्ठान का निर्देशन करेंगे।