मध्य प्रदेश का वो खिलाडी जिसने गुजारे के लिए फैक्ट्री में किया काम, अब रणजी ट्राफी में दिखा दिया अपना जलवा

रणजी ट्राफी 2022 (Ranji Trophy 2022) के फाइनल में मध्य प्रदेश ने मुंबई को हरा कर इतिहास रच दिया है. एमपी की टीम ने मुंबई की मजबूत टीम को 6 विकेट से हराया था. टीम 88 साल रणजी ट्राफी को अपने नाम कर पायी. साल 2021-22 में टीम की जीत में हर खिलाडी का योगदान था. सभी ने बल्ले और गेंद से कमाल का प्रदर्शन किया. इस जीत में अगर हम देखे तो एमपी के लिए गेंद से जिस खिलाडी ने विरोधी खिलाडियों की नाम में दम किया उनका नाम है कुमार कार्तिकेय सिंह.

कुमार ने पूरे सीज़न (Ranji Trophy 2022) में शानदार प्रदर्शन किया. कुमार कार्तिकेय की कहानी किसी फिल्म की स्टोरी जैसी है की कैसे एक लड़का घर छोड़ने के बाद भी अपने सपने के लिए मेहनत करता रहा और अंत में अपनी टीम को पहली रणजी ट्राफी जितवाने में अहम् खिलाडी बना. तो चलिए आज जानते है एमपी के इस अहम खिलाडी के क्रिकेट तक के सफ़र को.

क्रिकेट खेलने के लिए छोड़ा घर

मध्य प्रदेश का वो खिलाडी जिसने गुजारे के लिए फैक्ट्री में किया काम, अब रणजी ट्राफी में दिखा दिया अपना जलवा

कार्तिकेय एमपी की तरफ से खेलते है लेकिन हम बता दे वो उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के निवासी है. उनके पिता सेना में थे और उन्हें कार्तिकेय के क्रिकेट खेलने पर एतराज था. इसी के चलते सिर्फ 15 साल की उम्र में कार्तिकेय ने अपना घर छोड़ दिया. वो घर छोड़ कर दिल्ली चले आये अपने दोस्त राधे श्याम के पास. राधे श्याम ने काफी कोशिश की लेकिन उन्हें डीडीसीए लीग में खेलने का मौका नहीं मिला था.

इसके बाद उनका दोस्त उन्हें गौतम गंभीर जैसे बड़े खिलाडियों को कोचिंग देने वाले सीनियर कोच संजय भारद्वाज के पास ले गया. संजय जी नें कुमार कार्तिकेय को नेट्स पर गेंदबाजी का मौका दिया और एक ओवर में ही उनको पता चल गया की यह खिलाडी लम्बी रेस का घोडा है.

टायर फैक्ट्री में किया काम

Ranji Trophy 2022

क्रिकेट खेलने के अलावा कुमार कार्तिकेय को गुजारा करने के लिए गजियाबाद के पास टायर फैक्ट्री में भी काम करना पड़ा था. वो दिन में क्रिकेट प्रैक्टिस करते और रात में फैक्ट्री में काम करते थे. पैसे बचाने के लिए वो कई बार दिल्ली से गाज़ियाबाद तक पैदल सफ़र करते थे ताकि उन बचे पैसों से बिस्कुट खरीद कर अपना पेट भर सके. जब उनके कोच को यह पता चल तो उन्होंने कार्तिकेय के रहने की व्यवस्था कुक के साथ कर दी.

कुमार कार्तिकेय का Ranji Trophy सफ़र

मध्य प्रदेश का वो खिलाडी जिसने गुजारे के लिए फैक्ट्री में किया काम, अब रणजी ट्राफी में दिखा दिया अपना जलवा

अब देखने वाली बात यह है की उत्तर प्रदेश में जन्मे दिल्ली में खेलना शुरू करने वाले कुमार कार्तिकेय एमपी के लिए क्यों खेलते है. तो उसका जवाब है कार्तिकेय ने बेहतरीन गेंदबाज़ीके चलते नाम तो बना लिया था लेकिन दिल्ली की रणजी (Ranji Trophy) टीम में जगह ना होने के चलते वो सफल नहीं हो पा रहे थे और तभी किसी ने उनसे एमपी से खेलने को कहा और फिर उन्होंने मध्य प्रदेश से अपना सफ़र शुरू किया. कार्तिकेय ने अब तक कुल 12 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं और 55 विकेट चटकाए हैं. उन्हें आईपीएल के पिछले सीजन मुंबई इंडियंस ने 20 लाख रुपये में अपनी टीम में शामिल किया.

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