पाकिस्तान से 28 साल बाद वापस लौटे शमसुद्दीन आखिरकार अपनी सरजमीं कानपुर पहुंच ही गए हैं. जैसे ही शमसुद्दीन अपने घर पहुंचे उनके परिवारजनों और मोहल्ले वालों ने उन्हें फूलों की माला पहनाई और मिलकर स्वागत भी किया. दीपावली के मौके पर घर वालों से ऐसा उपहार पाकर शमसुद्दीन की चेहरे की खुशी देखने लायक थी. खुशी के माहौल में शमसुद्दीन इतने ज्यादा भावुक हो गए कि परिवार वालों के गले मिलकर खूब रोये. रोते हुए उन्होंने अपने साथ पाकिस्तान में होने वाले दुश्मनों के जैसे व्यवहार के बारे में भी बताया.
शमसुद्दीन ने बताया कि, ” पाकिस्तान जाकर मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी. अपना देश ही सबसे ज्यादा प्यारा होता है. जो भारतीय पाकिस्तान में रहते हैं, उनके साथ बहुत ही बुरा सलूक होता है. पाकिस्तान में सभी भारतीयों के साथ दुश्मनों के जैसा व्यवहार किया जाता है “.
परिचित व्यक्ति के साथ गए थे पाकिस्तान
वर्ष 1992 में 90 दिन का वीजा लगवाकर कानपुर के कंघीमोहाल के रहने वाले शमसुद्दीन अपने एक परिचित व्यक्ति के साथ पाकिस्तान गए थे. 1994 में पाकिस्तान की नागरिकता प्राप्त होने के बाद वह वहीं पर रहने लगे थे. कुछ साल तक वे वहां पर रहे, लेकिन साल 2012 में पाकिस्तान सरकार ने उन पर जासूसी का आरोप लगाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार करने के बाद पाकिस्तान सरकार ने उन्हें कराची की लाडी जेल में बंद कर दिया. 8 साल तक उन्हें जेल में रखा गया.
पाकिस्तान से अमृतसर तक भेजा गया शम्सुद्दीन को
8 साल बाद जब शमसुद्दीन जेल से वापस आए तो उन्होंने सीधे अपने वतन की राह की तरफ रुख मोड़ लिया. 28 साल बाद उन्हें अपने वतन की राह की तरफ अमृतसर तक भेजा गया. शमसुद्दीन के भाई उन्हें लेने के लिए अमृतसर पहुंच गए और प्रशासन से गुहार भी लगाई कि, उन्हें जल्द से जल्द घर भिजवा दिया जाए.
कानपुर पुलिस टीम सभी प्रशासनिक और सुरक्षा प्रक्रिया में पूरा हो जाने के बाद उन्हें अमृतसर से कानपुर लाई. पुलिस टीम उन्हें दीपावली के दूसरे दिन कानपुर लेकर आ गई थी. इसके बाद कानपुर में उनका जोरों शोरों से स्वागत किया गया, उसके बाद वह काफी भावुक हो उठे.
घर वापस आने की खुशी में सभी ने दी मुबारकबाद
शमसुद्दीन का स्वागत थाना बजरिया में क्षेत्राधिकारी ने माला पहनाकर और मुंह मीठा खिलाकर किया. इसी दौरान पुलिस उन्हें उनके घर ले गई. जिसके बाद सभी ने उन्हें घेर लिया और फूल माला के साथ स्वागत किया. शम्सुद्दीन की बेटी और परिवार के सदस्यों ने उन्हें गले लगा लिया और रोने लगे. घर वापस आने की खुशी में सभी ने उन्हें मुबारकबाद दी.
पाकिस्तान में भारतीयों के साथ होता है दुश्मन के जैसे बर्ताव
इस मौके पर आंखों में आंसू लिए शम्सुद्दीन ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि,
” उन्हें यह दीपावली हमेशा याद रहेगी”.
उन्होंने बताया कि,
“पाकिस्तान में सभी भारतीयों के साथ बहुत ही बुरा बर्ताव किया जाता है. पाकिस्तान में भारतीय के साथ दुश्मन है जैसा व्यवहार करते हैं और रिश्वतखोरी व हरामखोरी भी बहुत करते हैं”.