हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद ग्रामीणों में विकास के लिए जो नफरत थी अब सामने आने लगी है. उसके मरने के तुरंत बाद ही उसके नाम के लगे पत्थरों को ग्रामीणों ने तोड़ दिया है. मिली जानकारी के अनुसार विकास के घर की ओर जाने वाले रस्ते पर उसके नाम के कई पत्थर लगे थे, जिसे लोगो ने तोड़ दिया। इसके अलावा पांडू नदी के पुल पर जो पत्थर लगा था। उसे भी तोड़ दिया गया। दरअसल विकास कोइ भी छोटे से छोटा काम भी करता अपने नाम के पत्थर ज़रूर लगा देता था.
गांव में उसके घर की ओर जाने वाले रास्ते पर जगह जगह उसके नाम के पत्थर लगे हुए थे. उसको अपने नाम से दहशत फैलाने का बड़ा शौक था, लेकिन उसके राख में मिलते ही उसके नाम के पत्थरों को भी मिट्टी में उन लोगों ने ही मिला दिया जो उसकी आवाज़ पर ही कांपने लगते थे. दूसरी ओर पुलिस ने ग्रामीणों से विकास के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की तो ग्रामीण चुप्पी साध गए।
कानपुर एनकाउंटर मामले मे उन्होंने पुलिस को कोई भी जानकारी नहीं दी। विकास के बारे में ग्रामीण फिलहाल जानकारी देने में पीछे हट रहे हैं। पूरे गांव में भारी पुलिस बल और पीएसी सुरक्षा के मद्देनजर तैनात कर दी गई है। अधिकारी लगातार जायजा ले रहे हैं।
विकास के इन 14 गुर्गों की तलाश में तेज हुई दबिश
बिकरू कांड के बाद विकास के गुर्गे प्रेम प्रकाश, अतुल दुबे, प्रभात मिश्रा, बउन दुबे के अलावा एनकाउंटर मामले में आरोपित विष्णु पाल सिंह उर्फ जिलेदार, शिव तिवारी, मनोज, हीरू, नरेश नागर, चंद्रजीत, संतोष कुमार, गुड्डन त्रिवेदी, लालाराम, अजीत कुमार, बड़े उर्फ बाल गोविंद, सत्यम उर्फ लुट्टन, नाहर सिंह की तलाश की जा रही। इनकी तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी हैं।