बाघा

मेहनत सभी की रंग लाती है, और समय सबका आता है बस जीवन में सब्र रखना जरूरी होता है कुछ ऐसा ही सफर तारक मेहता का उल्टा चश्मा में बाघा का किरदार निभाने वाले तन्मय वेकारिया का रहा है. एक समय था जब वो बैंक में महज़ 4 हजार रूपये महीनों की नौकरी से अपना गुजारा करते थे, लेकिन आज वो हर महीने लाखों रूपये की कमाई करते हैं.

उनकी ये कामयाबी तो आप सभी जानते ही हैं लेकिन क्या आप तन्मय की इस कामयाबी के पीछे छिपी मेहनत को जानते हैं? शायद तो चलिए आज आपको बाघा यानी तन्मय वेकारिया की इस पूरी जर्नी के बारे में बताते हैं.

15 साल से गुजराती थियेटर में किया है काम

Tarak Mehta Ka Ulta Chasma: कभी बैंक में महज 4000 महीने की नौकरी करते थे तन्मय, बाघा के किरदार ने बदल दी जिंदगी

तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में जेठालाल चंपकलाल गढ़ा की दुकान पर काम करने वाला बाघा आज दर्शकों के बीच में पसंदीदा किरदार बना हुआ है. बाघा का किरदार निभाने वाले एक्टर का नाम ‘तन्मय वेकारिया’ है. जिन्हें इस  शो में बाघा के नाम से जाना जाता है. तन्मय गुजरात के रहने वाले हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, उनके पिता अरविन्द वेकारिया भी अभिनेता रहे हैं और कई गुजराती ड्रामा में उन्होनें काम किया है. तन्मय ने भी लगभग 15 साल तक गुजराती थियेटर में काम किया है.

बड़ी मुश्किल से मिला बाघा का किरदार

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तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो शुरू से ही दर्शकों की पसंद रहा है. ऐसे में एक पॉप्युलर शो में किसी किरदार को पाना काफी मुश्किल होता है और यही मुश्किल तन्मय वेकारिया के साथ भी थी. आज तन्मय शो में जिस बाघा का रोल कर रहे हैं यह रोल उन्हे इतनी आसानी से नहीं मिला बल्कि इसके पीछे उन्होंने लाख जतन किए हैं. इससे पहले वो शो में चार और किरदार प्ले कर चुके हैं.

जिसमें ऑटो ड्राइवर, टैक्सी ड्राइवर, इंस्पेक्टर और टप्पू यानी जेठालाल के बेटे के स्कूल टीचर का रोल भी शामिल था. इसके बाद 2010 में तन्मय को बाघा का रोल दिया गया और तब से ही तन्मय ने इस किरदार में अपनी जान डाल दी और वे दर्शकों की पसन्द बन गए और आज उन्हें अपने इस किरदार से अलग ही पहचान मिली हुई है.

बैंक में भी कर चुके हैं नौकरी

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‘तन्मय वेकारिया’ की अगर पास्ट लाइफ के बारे में बात करें तो पहले वो एक बैंक में मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव की पोस्ट पर काम करते थे. यहां पर उन्हें सिर्फ 4 हजार रुपये की सैलरी मिलती थी, लेकिन तन्मय के पिता एक एक्टर थे इसलिए तन्मय भी एक्टर बनने का शौक रखते थे. यही कारण था कि तन्मय ने धीरे से अपने आप को एक्टिंग के में उतारा और गुजरात के थिएटर में अपने पिता के साथ एक्टिंग करने लग गए थे.

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