Periods: त्योहारों का समय चल रहा है। ऐसे में एक सवाल हमेशा हम सबके मन में उठता है कि अगर महिलाओं को त्योहार के समय पीरियड्स ( Periods ) आ जाते हैं तो क्या महिलाओं को प्रसाद बनाना चाहिए या नहीं..हम हमेशा सुनते है की पीरियड्स, ( Periods ) मासिक धर्म, माहवारी में महिलाओं को मंदिर नहीं जाना चाहिए। मासिक धर्म के दौरान महिलाए अंदर से काफी कमजोर हो जाती है। ऐसे में उन्हे आराम करने की सलाह दी जाती है। महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान प्रसाद बनाना चाहिए या नहीं इस पर वृंदावन में प्रवचन करने वाले प्रेमानंद महाराज ने अपनी राय दी है । चलिए जानते है क्या कहते है प्रेमानंद महाराज?
प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, शास्त्रों में इस बात का जिक्र है कि पीरियड्स ( Periods )के तीन दिनों में प्रसाद नहीं बनाना चाहिए। अगर महिला ग्रहस्थ जीवन से गुजर रही है तो उसके शरीर को उस मासिक धर्म की पद्धिति से भी गुजरना पड़ेगा। प्रेमानंद महाराज आगे कहते हैं कि महिलाओं को उन तीन दिनों तक शास्त्र आज्ञा का पालन करना चाहिए और सिर्फ भगवान के नाम का जाप करना चाहिए।
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पीरियड्स के दौरान क्यों नहीं करनी चाहिए पूजा-पाठ
प्राचीन काल से चली आ रही मान्यताओं के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक तथ्य अवश्य होता है। पीरियड्स ( Periods ) के दौरान पूजा-पाठ न करने का कारण ये था कि उस समय पूजा पद्धति मंत्रोच्चार के बिना पूरी नहीं मानी जाती थी। वहीं, पूजा के दौरान बड़े-बड़े अनुष्ठान किए जाते थे, जिसमें बहुत समय और ऊर्जा लगती थी।
मंत्रोच्चार पूरी शुद्धता के साथ किए जाते थे। पीरियड्स ( Periods ) के दौरान हार्मोनल बदलावों के चलते काफी दर्द और थकान रहती थी। ऐसे में महिलाओं के लिए ज्यादा देर तक बैठकर मंत्रोच्चारण या अनुष्ठान करना संभव नहीं होता था। इसलिए उन्हें पूजा में बैठने की मनाही होती थी।