कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ रहा है लगातार केस बढ़ रहे हैं। सबसे बुरी स्थिति महाराष्ट्र के मुंबई कि हैं जहां केस तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन अब खबरें अच्छी भी आ रही है। इसी बीच मुंबई के धारावी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बड़ा बयान दे दिया है, जो कि एक बड़ी खुशखबरी है। धारावी मॉडल को लेकर WHO ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
धारावी मॉडल की करी तारीफ
WHO ने कहा है कि कि धारावी मॉडल के तहत कोरोनावायरस को रोकने के लिए किए गए प्रयासों की बदौलत आज ये इलाका कोरोना से मुक्त होने के कगार पर है। WHO ने धारावी का उदाहरण देते हुए कहा है कि राष्ट्रीय और वैश्विक एकजुटता के साथ आक्रामक कार्रवाई से महामारी को रोका जा सकता है और भारत उस ओर बढ़ रहा है।
कम हुए केस
आपको बता दें कि मुंबई में लगातार बढ़ते कोरोनावायरस संक्रमितों के बावजूद धारावी में कोरोना के प्रसार पर एक तरह से रोक लग गई है। शुक्रवार को यहां सिर्फ 12 नए मामले दर्ज किए गए थे जो कि बेहद कम है, क्योंकि पिछ्ले लंबे वक्त से लगातार केस बढ़ रहे थे।
केंद्र ने डाली थी नजर
आपको बता दें कि धारावी में एक अप्रैल को कोरोनावायरस का पहला मामला सामने आया था। आशंका थी कि स्थिति तेजी से बिगड़ सकती है, क्योंकि यहां जनसंख्या घनत्व बहुत अधिक है। बड़ी बात ये है कि एक बड़ी जनसंख्या 80 प्रतिशत सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करते हैं।
सबसे बड़ी समस्या यह थी कि लोगों को न तो होम आइसोलेशन किया जा सकता था और न ही वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सकते थे। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यहां विशेषज्ञों की टीम भेजी।
सघन आबादी में संदिग्ध मरीजों के आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं होने की वजह से संस्थागत आइसोलेशन की व्यवस्था की गई और स्कूल, कॉलेज को क्वारंटीन सेंटर बनाया गया। इसके अलावा, सामूहिक शौचालय की समस्या को दूर किया गया। टेस्टिंग में तेजी लाई गई, जिसके चलते अब धारावी में कोरोना के प्रसार की रफ्तार एक तरह से थम गई है।
आक्रामकता से लड़ें लड़ाई
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस एडहानम गेब्रेयेसेसने धारावी माडल की तारीफ की है। उन्होंने कहा,
‘दुनियाभर में कई उदाहरण हैं जिन्होंने दिखाया है कि भले ही कोरोनावायरस प्रकोप कितना भी ज्यादा हो, उसे नियंत्रित किया जा सकता है और इन उदाहरणों में से कुछ इटली, स्पेन और दक्षिण कोरिया, और यहां तक कि मुंबई महानगर का एक अति सघन आबादी वाला इलाका धारावी भी शामिल है।’